वैदिक और पौराणिक ग्रंथों के अनुसार तेरह मुखी रुद्राक्ष भगवान इंद्र का स्वरुप माना गया है। इसे धारण करने मात्र से इंद्र देव प्रसन्न होते है, जिससे समृद्धि की प्राप्ति होती है। तेरह मुखी रुद्राक्ष सभी प्रकार के अर्थ तथा सिद्धियों की पूर्ति करता है। जिससे हर तरह की ईच्छाओं की पूर्ति होती है तथा यश की प्राप्ति होती है। तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से हर प्रकार के भोगों की प्राप्ति और सर्व मनोकामना पूर्ण होती है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष के देवता कामदेव भी हैं, इस कारण यह रुद्राक्ष काम तथा रस रसायन एवं धातुओं तथा अर्थ को सिद्धि देने वाला माना गया है। इसे धारण करने से इंद्र तथा कामदेव भी खुश होकर जातक को सभी प्रकार की सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। समाज में मान सम्मान बढ़ता है। पद में उन्नति होती रहती है, नवीन योजनाओं में सफलता प्राप्त होती है। तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से स्त्री पुरुष को वशीकरण करने की शक्ति भी देता है। यह नि:संतान को संतान और धन देने वाला है। इसके धारण करने से बंधु बांधुओं की हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष – Terah Mukhi Rudraksh
कहा जाता है कि तेरह तरह के रत्नों को धारण करने से भी मनुष्य को वह फल नहीं मिलता जो फल तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से मिलता है। तेरह मुखी रुद्राक्ष में तेरह किस्म की धारियां होती हैं।
तेरह मुखी रुद्राक्ष के फायदे (Benefits of Terah Mukhi Rudraksh)
* तेरह मुखी रुद्राक्ष वैवाहिक दंपतियों के लिए बेहद अहम माना गया है क्यूंकि इसे धारण करने से कामदेव व रति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
* यह रुद्राक्ष निसंतान दंपतियों को संतान प्रदान करता है।
* तुला राशि के लिए तेरह मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (Mantra of Terah Mukhi Rudraksh)
त्रयोदश मुखी रुद्राक्ष के लिए “ऊँ ह्रीं नम:” (Om Hreem Namah) मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष को मंगाने के लिए यहां क्लीक करें
एक मुखी रुद्राक्ष । दो मुखी रुद्राक्ष । तीन मुखी रुद्राक्ष । चार मुखी रुद्राक्ष । पांच मुखी रुद्राक्ष ।
छह मुखी रुद्राक्ष । सात मुखी रुद्राक्ष । आठ मुखी रुद्राक्ष । नौ मुखी रुद्राक्ष । दस मुखी रुद्राक्ष ।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष । बारह मुखी रुद्राक्ष । तेरह मुखी रुद्राक्ष । चौदह मुखी रुद्राक्ष ।