एक मुखी रुद्राक्ष में एक प्राकृतिक धारी होती है। एक मुखी रुद्राक्ष को परब्रह्मा माना जाता है। इसे साक्षात भगवान शिव का रुप ही माना जाता है। इसमें भगवान शिव खुद विराजते हैं। एक मुखी रुद्राक्ष के विषय में कहा गया है कि इसके दर्शन मात्र से ही मानव का कल्याण हो जाता है, तो पूजन अथवा धारण करने से क्या नहीं हो सकता। यह ब्रह्म हत्या जैसे महापाप को नष्ट करता है। जिस घर में यह होता है, उस घर में लक्ष्मी विशेष रुप से विराजमान होती है। यह धारणकर्ता को सभी तरह के नुकसान और भय को दूर करता है। जिसके साथ भगवान शिव ही खुद ही रहते हो, उसे भला क्या प्राप्त नहीं हो सकता। एक मुखी रुद्राक्ष सर्वोत्तम, सर्वमनोकामना सिद्धि, फलदायक और मोक्षदाता है। इसे सभी रुद्राक्ष में सबसे ज्यादा फल देने वाला माना जाता है। इसे धारण करने से सभी तरह के अनिष्ट दूर हो जाते हैं, चाहे वह परिस्थितियांवश हो या शत्रु जनति। एक मुखी रुद्राक्ष का पूजन करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
एक मुखी रुद्राक्ष दुर्लभ होता है। आजकल मार्किट में काजू आकार के एकमुखी रुद्राक्ष मिल रहे हैं, लेकिन यदि गोल वाला एक मुखी रुद्राक्ष मिल जाए तो इसे धारण करने वाले की किस्मत बदल जाती है। गोल वाला एक मुखी रुद्राक्ष मिलना बेहद ही दुर्लभ है। यह दूसरे रुद्राक्ष की अपेक्षा बहुत कम मात्रा में पैदा होता है। ऐसा कहा जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष एक पेड़ पर केवल एक ही आता है।
एकमुखी रुद्राक्ष का आकार ओंकार होता है। इसमें साक्षात भगवान शिव का वास होता है। मान्यता है कि एक मुखी रुद्राक्ष (Eka Mukhi Rudraksha) धारण करने से भगवान शिव की शक्तियां प्राप्त होती है। यह एक दुर्लभ रुद्राक्ष है जो किस्मत वालों को ही मिलता है।
एक मुखी रुद्राक्ष सिंह राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ होता है।
एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा जहाँ होती है वहाँ से लक्ष्मी दूर नहीं होती।
एक मुखी रुद्राक्ष मंत्र (Ek Mukhi Rudraksha Mantra in Hindi)
रुद्राक्ष को पवित्र करने और धारण करने के लिए मंत्र है – “ऊं ह्रीं नम: (Om Hreem Namah)।”
नोट: एकमुखी रुद्राक्ष बेहद शक्तिशाली और दुर्लभ होता है। इसे गर्भवती महिलाओं और बच्चों को धारण नहीं करना चाहिए।
एक मुखी रुद्राक्ष को मंगाने के लिए यहां क्लीक करें…
एक मुखी रुद्राक्ष । दो मुखी रुद्राक्ष । तीन मुखी रुद्राक्ष । चार मुखी रुद्राक्ष । पांच मुखी रुद्राक्ष ।
छह मुखी रुद्राक्ष । सात मुखी रुद्राक्ष । आठ मुखी रुद्राक्ष । नौ मुखी रुद्राक्ष । दस मुखी रुद्राक्ष ।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष । बारह मुखी रुद्राक्ष । तेरह मुखी रुद्राक्ष । चौदह मुखी रुद्राक्ष ।