वैदिक शास्त्र एवं पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार चौदह मुखी रुद्राक्ष रुद्र की की आंखों से प्रकट होने वाला रुद्राक्ष माना गया है। परम प्रभावशाली तथा थोड़े समय में ही भगवान शंकर को खुश करने वाला चौदह मुखी रुद्राक्ष साक्षात देवमणि भी है। पुराणों में इसके विषय में कहा गया है कि यह चौदह विद्या, चौदह मनु, चौदह लोक, चौदह इंद्र का साक्षात देव स्वरुप है। चौदह मुखी रुद्राक्ष को वृक्ष से उत्पन्न सर्वदेवमय, विशिष्ट व दुर्लभ रुद्राक्ष माना जाता है। यह रुद्राक्ष दुर्लभ होने के साथ साथ बहुत ही उपयोगी भी है।
चौदह मुखी रुद्राक्ष में हनुमान जी की भी संपूर्ण शक्ति निहित रहती है। इसके असर से व्यक्ति सभी संकटों से मुक्त रहता है। हानि, दुर्घटना, रोग एवं चिंता से मुक्त रहकर इसे धारण करने वाला धारक सुरक्षा व समृद्धि से भरपूर रहता है। चौदह मुखी रुद्राक्ष का महत्व इसलिए भी अधिक है, क्योंकि भगवान शंकर स्वयं चौदह मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करते हैं। इसलिए चौदह मुखी रुद्राक्ष ही एकमात्र ऐसा रुद्राक्ष है, जिसका एक दाना धारण करने से ही मनुष्य स्वयं साक्षात शिव स्वरुप हो जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार एक चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मुनष्य देवताओं में पूजित होकर सीधे स्वर्गलोक को जाता है। चौदह मुखी रुद्राक्ष में अपार शक्तियां समाहित हैं।
चौदह मुखी रुद्राक्ष के फायदे (Benefits of Chaudaha Mukhi Rudraksh)
– चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति रुद्रलोक में वास करता है।
– जो लोग शनि के दोष से पीडित हैं उन्हें भी चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होगा।
– हनुमान जी से संबंधित होने के कारण चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को हुनमान जी की भी विशेष कृपा मिलती है।
– चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को कभी भी जेल जाना नहीं पड़ता।
– भगवान शिव भी चौदह मुखी रुद्राक्ष ही धारण करते हैं इसलिए इस रुद्राक्ष का अत्यंत महत्व है।
– चौदह मुखी रुद्राक्ष पक्षाघात की चिकित्सा के लिए अत्यंत हितकारक है ।
चौदह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (Mantra of Chaudaha Mukhi Rudraksh)
चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करते समय इस मंत्र का जाप करें ‘ऊं नमः शिवाय’(Om Namaha Shivay)
चौदह मुखी रुद्राक्ष को मंगाने के लिए यहां क्लीक करें
एक मुखी रुद्राक्ष । दो मुखी रुद्राक्ष । तीन मुखी रुद्राक्ष । चार मुखी रुद्राक्ष । पांच मुखी रुद्राक्ष ।
छह मुखी रुद्राक्ष । सात मुखी रुद्राक्ष । आठ मुखी रुद्राक्ष । नौ मुखी रुद्राक्ष । दस मुखी रुद्राक्ष ।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष । बारह मुखी रुद्राक्ष । तेरह मुखी रुद्राक्ष । चौदह मुखी रुद्राक्ष ।