चार मुखी रुद्राक्ष में चार धारियां होती हैं। चार मुखी रुद्राक्ष चतुर्मख ब्रह्मा का स्वरुप माना गया है। चार वेदों का रुप भी यह रुद्राक्ष माना जाता है। यह मनुष्य को काम, अर्थ, अर्थ, मोक्ष चतुर्वर्ग देने वाला है। यह चारों वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शुद्र तथा चारों आश्रम ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ तथा सन्यास के माध्यम से पूजित और परम वंदनीय है। इसको धारण करने वाला मनुष्य धनाड्य, आरोग्यवान तथा ज्ञानवान बन जाता है। चार मुखी रुद्राक्ष वृद्धिदाता है। जिस बालक की बुद्धि पढ़ने में कमजोर हो अथवा बोलने में अटकता हो, उसके लिए यह सर्वोत्तम है।
चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक रोगों में शांति मिलती है तथा पहनने वाले का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। इसे पहनने से नर हत्या का पाप दूर होता है। अग्नि पुराण में इसके विषय में लिखा गया है कि इसको धारण करने से व्याभिचारी भी ब्रह्मचारी और नास्तिक भी आस्तिक बन जाता है।
चार मुखी रुद्राक्ष – Char Mukhi Rudraksha
चार मुखी रुद्राक्ष को स्वयं ब्रह्मा जी का स्वरूप माना गया है। भगवान ब्रह्मा सर्व वेदों के ज्ञाता है उसी तरह इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक के जीवन में भी शिक्षा प्राप्ति के सभी राह खुल जाते हैं।
चौमुखी या चार मुख वाला रुद्राक्ष के फायदे (Benefits of Char Mukhi Rudraksha in Hindi
* चार मुखी रुद्राक्ष ज्ञान और संतान प्राप्ति की चाह रखने वाले जातकों के लिए बेहद शुभ होता है।
* चार मुखी रुद्राक्ष मिथुन राशि के लिए शुभ होता है।चौमुखी रुद्राक्ष का मंत्र (Char Mukhi Rudraksha Mantra in Hindi)
* चतुर्मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए “ऊँ ह्रीं नम:” (Om Hreem Namah) मंत्र का जाप करें।
चार मुखी रुद्राक्ष को मंगाने के लिए यहां क्लीक करें…
एक मुखी रुद्राक्ष । दो मुखी रुद्राक्ष । तीन मुखी रुद्राक्ष । चार मुखी रुद्राक्ष । पांच मुखी रुद्राक्ष ।
छह मुखी रुद्राक्ष । सात मुखी रुद्राक्ष । आठ मुखी रुद्राक्ष । नौ मुखी रुद्राक्ष । दस मुखी रुद्राक्ष ।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष । बारह मुखी रुद्राक्ष । तेरह मुखी रुद्राक्ष । चौदह मुखी रुद्राक्ष ।
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