सहारनपुर : सामुद्रिक शास्त्र, भारतीय ज्योतिष का एक प्रमुख अंग है। इसके आधार पर विभिन्न अंगों की सरंचना को देख आप व्यक्ति के बारे में आंकलन कर सकते हैं। आज हम बतायेंगे कि किसी स्त्री के माथे की लकीरें कैसे पढ़ी जाती हैं।
– जिस स्त्री का सिर आवश्यकता से अधिक मोटा या फिर बड़ा हो, उस महिला को विधवा होने की आशंका रहती हैं। ऐसी स्त्रियाॅ अपने जीवन में ज्यादा संघर्ष करती है।
– यदि किसी स्त्री का सिर अत्यधिक छोटा होता है, वह दुर्भाग्यशाली होती है तथा अपने जीवन को लेकर तनाव ग्रस्त रहती है। सन्तान होने के पश्चात उनका समय अच्छा आता है।
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– यदि किसी स्त्री का सिर अत्यधिक चैड़ा हो तो, वह महिला सदैव रोगों से परेशान रहती है। इनका पति समझदार व सेवाभाव से परिपूर्ण होता है। इनका स्वभाव कठोर होता है, परन्तु ये दिल की अच्छी होती है।
– जिस स्त्री का सिर सामान्य होता है, ऐसी महिलायें सास,ससुर व पति की सेवा करने वाली तथा सामाजिक मान-सम्मान पाने वाली होती है। ये स्त्रियां सरकारी नौकरी भी कर सकती है।
– जिस स्त्री के सिर के बीच में गडढा हो या फिर दबा हुआ हो, वह महिलायें धन, वैभव व सुखी जीवन व्तीत करने वाली होती है परन्तु ऐसी स्त्रियों का अनेक पुरूषों से सम्बन्ध भी हो सकता है।
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– जिस स्त्री का सिर आगे से उठा हुआ होता है, वह महिलायें भाग्यशाली, तीक्षण बुद्धि वाली एंव विदुषी होती है। ऐसी स्त्रियां अपने परिवार को आगे बढ़ाने में सहायक होती है।
– जिस स्त्री का सिर चपटा हुआ होता है, वह महिलायें तेज, चंचल, अधिक बोलने, चालाक व अपना काम निकालने वाली होती है। इन स्त्रियों को यदि उचित अवसर मिल जाये तो शीघ्र ही उच्च मुकाम को हासिल कर लेती है परन्तु अपने परिवार की सेवा नहीं कर पाती है।
– जिस स्त्री के मस्तक पर चन्द्र बना होता है, वह महिलायें सब प्रकार के सुखों को भोगने वाली तथा पतिव्रता, उच्च पद एंव राजनीति में निपुण होती है।