- Farmers’ Movement
- गणेशा वॉयस से जुड़े एस्ट्रोलॉजर ने 19 दिसंबर 2020 को की थी भविष्यवाणी
- सरकार बिल वापस लेगी, लेकिन गतिरोध 12 अप्रैल 2022 तक रहेगा जारी
वर्ष 2020 में जब किसान आंदोलन (Farmers’ Movement) शुरु हुआ तो हर कोई यह कह रहा था कि यह आंदोलन ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगा, लेकिन गणेशा वॉयस से जुड़े वरिष्ठ और ज्योतिष की कई विद्याओं के ज्ञाता ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू ने 19 दिसंबर 2020 को एक भविष्यवाणी की थी कि 21 दिसंबर 2020 को गुरु और शनि का मिलन का असर किसान आंदोलन पर भी देखने को मिलेगा।
उन्होंने अपनी भविष्यवाणी में कहा था कि शनि मजबूत स्थिति में है और न्याय के कारक है। इसलिए सरकार को कृषि बिल (agricultural Bill) को लेकर सरकार को नरम होना पड़ेगा और किसान बिल में संशोधन करना और बिल को वापस लेना पड़ सकता है। और वैसा ही हुआ भी। भविष्यवाणी सत्य साबित हुई और गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कृषि बिल वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी।
क्या वास्तव में समाप्त हो गया किसान आंदोलन
अब जैसे ही गुरु ग्रह ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया, प्रधानमंत्री ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी। परंतु अभी गुरु, शनि की राशि में ही 12 अप्रैल 2022 तक विराजमान रहेंगे। यदि हम यह समझें कि किसान आंदोलन समाप्त हो गया है और कोरोना (Corona) चला गया है, तो ये हमारी बड़ी भूल होगी।
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कोरोना और किसान 2021 में अधिक सक्रिय रहे और कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया, क्योंकि आकाशीय कौंसिल में दो बड़े ग्रहों, गुरु और शनि की युगलबंदी चल रही थी। अभी ये दोनों 12 अप्रैल 2022 तक सीधे या अप्रत्यक्ष रुप से कोहराम मचाते रहेंगे। यदि आप क्रियात्मक रुप से देखें तो विश्व के कितने ही देशों में कोरोना ने सांप की तरह एक बार फिर फन उठा लिया है। भारत में बेशक तीसरी लहर से हम बचे रहे, परंतु डेंगू के डंक से नहीं बच पाए। किसान आंदोलन में हाथी निकल गया परंतु न्यूनतम मूल्य की पूंछ रह गई, जिसका जिक्र अप्रैल 2022 तक चलता रहेगा जब तक गुरु अपनी ही राशि मीन में नहीं आ जाते।
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मजे की बात तो यह है कि नए संवत 2079,जो 2 अप्रैल 2022 को आरंभ होने जा रहा है, उसमें भी पंचागानुसार राजा शनि होंगे और मंत्री गुरु रहेगे यानी इनकी युगलबंदी चुनावों में नए समीकरण बना कर सरकारें बनाएंगी।
आ सकती है प्राकृतिक आपदाएं
मेदनीय ज्योतिष अर्थात लोक भविष्य में ग्रहणों के प्रभावों को बहुत महत्व दिया जाता है। अभी 19 नवंबर 2021 को चंद्र ग्रहण, 4 दिसंबर 2021 को सूर्य ग्रहण के बीच बहुत कम अवधि होने के कारण, और गुरु के राशि परिवर्तन के फलस्वरुप बहुत अधिक स्मॉग, ठंड, धुंध, वर्षा, जल प्रलय, भूकंप, समुद्री तूफानों, प्राकृतिक आपदाओं की पुनरावृति से इंकार नहीं किया जा सकता और सरकारों को आपदा प्रबंधन की दिशा में मुस्तैद रहना चाहिए।
कृषि बिल संबंधी भविष्यवाणी को सुनने के लिए देखिए यह वीडियो
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