Dhanteras 2021: करवाचौथ पर्व संपन्न होने के बाद अब 28 अक्टूबर को अहोई अष्टमी व्रत किया जाएगा। इसके साथ ही अब दीपावली की तैयारी शुरु हो जाएगी। पंचदिवसीय महापर्व का आगाज 2 नवंबर 2021 से होगा। जी हां 2 नवंबर को धनतेरस है। धनतेरस से ही पंचदिवसीय पर्व की शुरुआत होती है।
जीवनसाथी की तलाश हुई आसान! फ्री रजिस्ट्रेशन करके तलाश करें अपना हमसफर
समस्या है तो समाधान भी है, विद्वान ज्योतिषी से फ्री में लें परामर्श
भारतीय ज्योतिष पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी को धनतेरस पर्व पड़ता है। वैसे तो धनतेरस पर सोना, चांदी खरीदने का विधान है, लेकिन आप इस दिन अन्य कोई भी वस्तु क्रय कर सकते हैं। इस दिन बर्तनों की सबसे ज्यादा बिक्री होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि का जन्म होता है इसलिए इस दिन धनवंतरी जयंती भी मनाई जाती है। जब भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। भगवान धनवंतरी आयुर्वेद के देवता हैं। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन को धन त्रयोदशी भी कहते हैं।
लाल मिर्च से जुड़े ये चमत्कारी उपाय नहीं जानते होंगे आप, जरुर आजमाएं
पौराणिक कथाओं में ‘धनत्रयोदशी’ को शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी, धन के देवता भगवान कुबेर के साथ, समुद्र के मंथन के दौरान समुद्र से निकली थीं। तब से लोगों ने एक सफल जीवन जीने के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर से दिव्य आशीर्वाद लेने के लिए प्रार्थना करना शुरू कर दिया। धनतेरस के दिन सोना या चांदी जैसी कीमती धातु खरीदना भी घर में देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के संकेत के रूप में शुभ माना जाता है। धनतेरस का दिन नया व्यवसाय शुरू करने या घर, कार और गहने खरीदने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
इस दिन नए गहने और कपड़े खरीदने से आपको उठानी पड़ सकती है तकलीफ
मुहूर्त और पूजा का समय
त्रयोदशी तिथि आरंभ – 02 नवंबर, 2021 11:31
त्रयोदशी तिथि समापन – 03 नवंबर, 2021 09:02
लड़की की शादी में बार-बार आ रही है अड़चन तो करें इनमें से कोई 1 उपाय
पूजा विधि
धनतेरस की पूजा के लिए सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद गंगाजल छिड़ककर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान के सामने घी का दिया जलाएं। धूप और अगरबत्ती लगाएं। इसके बाद भगवान को लाल रंग के फूल अर्पित करें। इस दिन आप जो भी धातु, आभूषण या बर्तन खरीदें उसे चौकी पर रखें। पूजा के दौरान “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें। धनवंतरि स्तोत्र का पाठ करें। लक्ष्मी स्तोत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
यशराज कनिया कुमार, न्यूमरोलॉजिस्ट
ज्योतिष के चमत्कारी उपाय, फ्री सर्विस और रोचक जानकारी के लिए ज्वाइन करें हमारा टेलिग्राम चैनल
Google News पर हमसे जुड़ने के लिए हमें यहां क्लीक कर फॉलो करें।
ज्योतिष, धर्म, व्रत एवं त्योहार से जुड़ी ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर @ganeshavoice1 पर फॉलो करें।