वास्तु टिप्स

सुनसान जगह पर रहने के ये होते हैं नुकसान, जानिए अभी

ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र में जहां मकान, दुकान और आफिस आदि के बारे में वृहद स्तर पर जानकारी दी गई है, वहीं यह भी बताया गया है कि हमें किस स्थान पर रहना चाहिए। आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे सुनसान जगह की। सुनसान जगह पर रहने से आपको क्या नुकसान हो सकता है, आइए जानते हैं।

1. दो तरह के सुनसान होते हैं एक मरघट की शांति वाले और दूसरे एकांत की शांति वाले। कई लोग एकांत में रहना पसंद करते हैं। इसके चलते वे सुनसान में रहने चले जाते हैं। सुनसान जगह पर रहने के कई खतरें हैं और साथ ही शास्त्रों में ऐसी जगहों पर रहने की मनाही है।

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2. भविष्य पुराण अनुसार आपका घर नगर या शहर के बाहर नहीं होना चाहिए। गांव या शहर में रहना ही तुलनात्मक रूप से अधिक सुरक्षित होता है।
3. यदि घर बहुत सुनसान स्थान पर या शरह-गांव के बाहर होगा तो जब भी आप घर से बाहर कहीं जाएंगे उस दौरान आपके मन और मस्तिष्‍क में घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी।

4. यह तो आप भी जाते होंगे कि सभी सुनसान स्थान पर अपराधी आसानी से अनिष्ट संबंधी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं।

5. दूसरी बात यदि शहर से दूर घर है तो रात-बिरात आने जाने में भी आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, भले ही आपके पास कार या बाइक हो।

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6. सुनसान जगहों को राहु और केतु की बुराई का स्थान माना जाता है। यहां पर घटना और दुर्घटना के योग बने रहते हैं।

7. सुनसान जगहों पर नकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक विचार बहुत तेजी से पनपते हैं।

8. जहां अस्पताल, विद्यालय, नदी, तालाब, स्वजन या मनुष्य की आबादी नहीं है वहां पर नहीं रहना चाहिए।

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महेश कुमार शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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