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क्या पुरुषों को भी नाक छिदवाना चाहिए, जानिए पांच जरुरी कारण

आपने देखा ही होगा कि युवती और महिलाओं का नाक छिदावा होता है। जिसमें वह नथ पहनती हैं। लेकिन क्या पुरुषों को भी नाक छिदवाना चाहिए। ज्योतिष पुस्तक लाल किताब में पुरुषों को भी नाक छिदवाने की सलाह दी जाती है। आखिर ऐसा क्यों किया जाता है और पुरुषों के नाक छिदवाने से उन्हें क्या लाभ होता है, आइए जानते हैं…

लाल किताब के अनुसार यदि बुध या चंद्र अष्टम भाव में होकर बुरा फल दे रहे हैं तो नाक छिदवाना जरूरी है। यदि चंद्र षष्टम भाव में बैठकर बुरा फल दे रहा है तो भी नाक छिदवाना जरूरी है। बुध खाना नंबर 9 में हो या बुध खाना नंबर 12 में बैठा हो तो नाक छिदवाते हैं। हालांकि यहां लाल किताब के अनुसार इससे बुध नष्ट होकर चंद्र स्थापित हो जाता है। गुरु के घर में बैठा बुध मंदे फल देता है।

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चंद्र या बुध कहीं भी बैठकर मंदा फल दे रहे हों तब भी नाक छिदवा लेना चाहिए, लेकिन किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर। कई बार राहु की रुकावट और मंदे फल को रोकने के लिए भी नाक छिदवाने का कार्य किया जाता है।

हमारे शरीर का प्रत्येक भाग किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। लाल किताब अनुसार नाक का अगला सिरा बुध का और पूरी नाक ही बृहस्पति की होती है। नाक से जो वायु का आवागमन हो रहा है वह बृहस्पति की वायु है। इसीलिए नाक का साफ-सुथरा होना जरूरी है। यदि आपकी सांसों में रुकावट है तो यह रुकावट गुरु की है। इससे बुध पर भी बुरा असर होता है।

सांसों को या गुरु को रोकने वाला राहु होता है। बुध का खराब होना व्यापार और नौकरी में नुकसान और गुरु का खराब होना भग्य और प्रगति में बाधक है। अत: नौकरी या व्यापार में यदि बुध, चंद्र या राहु के कारण रुकावट आ रही है तो इस रुकावट के लिए नाक छिदवाते हैं। राहु के द्वारा पैदा की गई रुकावट को दूर करने के लिए चांदी अर्थात चंद्र की मदद ली जाती है। इसीलिए नाक में चांदी का तार डाल कर हवा के रास्ते मुक्त किए जाते हैं। राहु को शांत कर सकता है तो वह एक ही ग्रह है चंद्रमा। इसीलिए चांदी की तार नाक के अंदर डाली जाती है। इससे बृहस्पति की सांसे खुली हो जाती है। यनी की जो हमारा भाग्य है वह जाग जाता है। मूलत: यह उपाय बुध को ठीक करने के लिए किया जाता है।

कब नाक छिदवाएं?
बुधवार की शाम को नाक छेदकर उसमें चांदी का तार डालें और फिर बृस्पति के दिन मंगल का दान यानी की पताशे की मिठाई, लड्डू इनका दान करना भी जरूरी है।

नोट : नाक छिदवाने से पहले अपने ज्योतिषी से सलाह अवश्य ले लें, अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है।

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महेश कुमार शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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