Shardiya Navratri 2021 : आज से शारदीय नवरात्रि शुरु हो गए है। मंदिरों और घरों में देवी के दरबार सज चुके हैं। सभी भक्त अपने अपने तरीके से मां भगवती की अराधना और साधना कर रहे हैं। देवी दुर्गा की महिमा निराली है। देवी अपने जिस भक्त पर प्रसन्न हो जाती है, उस भक्त की तमाम समस्याएं स्वतः ही समाप्त होना शुरू हो जाती है और शत्रु भी मारे डर के भागना शुरू हो जाते है।
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इस आर्टिकल में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस प्रकार आप कोर्ट कचहेरी के चक्कर से मुक्ति पा सकते हैं और किस प्रकार आप मुकदमों में विजय प्राप्त कर सकते है। सहारनपुर के श्री बालाजी धाम के संस्थापक गुरू श्री अतुल जोशी जी महाराज बताते हैं कि नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए। दुर्गा सप्तशती के तीसरे अध्याय में बताया गया है कि चिक्षुर, चामर, उदग्र, असिलोमा, वाष्कल, विडाल आदि महादैत्यों का देवी द्वारा वध कर दिए जाने के बाद महा असुर महिषासुर गुस्से में भर आता है।
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इस अध्याय में देवी के भद्रकाली, चण्डिका रूप का उल्लेख भी मिलता है। इस अध्याय में देवी महिषासुर के सेनापति चिक्षुर, चामर, उदग्र, उग्रास्य, उग्रवीर्य और महाहनु, दुर्धर, दुर्मुख को यमलोक पहुंचाने का वर्णन मिलता है। इसी अध्याय में देवी महिषासुर का भी वध करती है। यह अध्याय हमें शिक्षा देता है कि महिषासुर का वध होने के बाद जिस देवी का देवता और ऋषि- महर्षि देवी की अराधना करते हैं तो हम मानव देवी की अराधना क्यों न करें। जो जातक दुर्गा सप्तशती के तीसरे अध्याय का पाठ करता है उसे युद्ध, कोर्ट-कचहेरी के मुकदमों में विजय प्राप्त होती है तथा शत्रुओं से छुटकारा मिलता है।
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