चमत्कारी उपाय रावण संहिता

जगत को वश में करने के लिए भगवान शिव ने रावण को बताया था यह गुप्त रहस्य

सहारनपुर। रावण के बारे में आप सभी जानते हैं। रामलीलाओं में जैसा रुप रावण का दिखाया जाता है, क्या रावण वास्तव में वैसा ही था। रावण एक महान कर्मकांडी था। अपनी शक्ति और बल के कारण उसने पूरी राक्षस जाति पर एकछत्र राज किया। इसका क्या कारण था और रावण के पास ऐसी कौन सी शक्ति थी, कि रावण जो भी चाहता था, वह हो जाता था।
हम यहां पर रावण की महिमा मंडन नहीं कर रहे हैं, बल्कि रावण द्वारा किए जाने वाले कुछ ऐसे प्रयोगों की जानकारी देंगे। दरअसल रावण ने भगवान शिव की अराधना और तपस्या करके कुछ ऐसी शक्ति प्राप्त की थी, जिनको करने से शीघ्र ही सिद्धि प्राप्त होती है। रावण संहिता के अनुसार…
शिवजी बोले — हे रावण, अब मैं तुम्हे मोहन नामक कर्म कहता हूं। ध्यान देकर सुनो। यह प्रयोग करने से शीघ्र ही सिद्धि प्राप्त होती है।

Free astrology consultation Click this Link –

सिंदूर, केसर व गोरोचन को आंवले के रस में पीसकर तिलक करने से सभी देखने वाले लोग मोहित होते हैं।

सहदेई के रस में तुलसी के बीच घोटकर रविवार के दिन तिलक करने से देखने वाले सभी लोग मोहित हो जाते हैं।

स्त्री को काबू में करने के लिए भगवान शंकर ने रावण को बताई थी ये गुप्त बातें

मैनसिल एवं कपूर मिलाकर केले के रस में घोटकर तिलक करने से सब लोग अवश्य ही मोहित हो जाते हैं।

हरताल, असगंध तथा गोरोचन को कदली फल के रस में ​घोटकर तिलक करने से सब लोग मोहित होते हैं।

काकड़ासिंगी, सफेद चंदन, वच और कूट, इन सबको एक साथ मिलाकर इसकी धूप अपने कपड़ों एवं शरीर पर देने से माहिनी शक्ति प्राप्त होती है। यानि उस व्यक्ति को देखकर सभी लोग मोहित हो जाते हैं। पान की जड़ का तिलक भी मोहन करता है।

रावण और रंभा : रावण का अप्सरा रंभा से क्या था कनेक्शन, जानिए अभी

सिंदूर तथा वच पान के रस मिलाकर मोहन यंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके तिलक करने से सब लोग मोहित हो जाते हैं।

रिचिटा, भृंगराज, लाजवती, सहदेई आदि सबको पीसकर मोहन यंत्र से अभिमंत्रित करके तिलक करने से देखने वाले सभी लोग मोहित हो जाते हैं।

बीमारियों से निपटने के लिए रावण संहिता में बताए गए हैं ये सरल उपाय

सफेद दुर्वा तथा हरताल एक साथ पीसकर मोहन मंत्र से अभिमंत्रित करके तिलक करने से सब लोग मोहित होते हैं।

बेलपत्र को अच्छी तरह से छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में पिसकर गोली बनाए, उसे मोहन मंत्र से अभिमंत्रित करके तिलक करने से जगत मोहित होता है।
ऊं उडायरेश्वरय सर्व जगन्मोहनाय, अं आं इं ईं उं ऊं ऋं फट स्वाहा
यह मंत्र एक लाख बार जप करने से सिद्ध होता है। सिद्ध करने के पश्चात ही इसका प्रयोग किया जाता है।

घोषणा — हम उक्त प्रयोगों को करने की सलाह नहीं देते हैं। यह लेख जानकारी मात्र है। यह जानकारी रावण संहिता नामक पुस्तक से ली गई है।

Free astrology consultation Click this Link –

maheshshivapress
महेश कुमार शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
https://ganeshavoice.in

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *