self confidence 1
जीवन मंत्र

आत्मविश्वास self-confidence की शक्ति को कैसे जगाये ?

अपने आत्म-विश्वास self-confidence को जगाइये, उसे विकसित कीजिए। स्मरण रखिए आत्म-विश्वासी के लिए ही संसार स्थान देता है। जो अपने आपको महत्वपूर्ण नहीं मानता उसे संसार भी ढकेल कर एक ओर कर देता है।

कोरोना corona काल में मानसिक स्थिति को कैसे मजबूत करे ?

जब संसार में सभी साथी साथ छोड़ दें, पराजय और पीड़ाओं के दंश मनुष्य को घायल कर दें, पैरों के नीचे से सभी आधार खिसक जायें, जीवन के अन्धकार युक्त बीहड़ पथ पर यात्री अकेला पड़ जाय तो भी………….

 क्या वह जीवित रह सकता है?

कुछ कर सकता है?

पथ पर आगे बढ़ सकता है?

अवश्यमेव…………..

 यदि वह स्वयं अपने साथ है तो कोई शक्ति उसकी गति को नहीं रोक सकती। कोई भी अभाव उसकी जीवन यात्रा को अपूर्ण नहीं रख सकता। मनुष्य का अपना आत्म-विश्वास ही अकेला इतना शक्तिशाली साधन है जो उसे मंजिल पर पहुँचा सकता है। विजय की सिद्धि प्राप्त करा सकता है।

निःसंदेह हर परिस्थिति में मनुष्य का एक मात्र साथी उसका अपना आपा ही है। स्वामी विवेकानन्द के शब्दों में “आत्म-विश्वास सरीखा दूसरा मित्र नहीं, आत्म-विश्वास ही भावी उन्नति की प्रथम सीढ़ी है।” सचमुच आत्म- विश्वास के कारण दुर्गम पथ भी सुगम बन जाता है, बाधायें भी मंजिल पर पहुँचाने वाली सीढ़ियाँ बन जाती है। एमर्सन ने कहा है — “आत्म-विश्वास सफलता का मुख्य रहस्य है।”

 

न जात्या ब्राह्मणाश्चात्र क्षत्रियो वैश्य एव न।

न च शूद्रो न वै म्लेच्छो भेदिता गुण कर्मभिः॥

जन्म या जाति से न कोई ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य होता है ओर न शूद्र ही। जाति, जन्म की दृष्टि से सब समान हैं। किन्तु गुण, कर्म के आधार पर अवश्य विभेद तथा अलग – अलग वर्ण हो जाता है। जो जैसा कर्म करेगा, उसे वैसा ही वर्ण प्राप्त होगा।

अतः जीवन में सफल होना है, विजयी बन कर जीवन बिताना है, संसार में ढकेले जाने वाले नहीं वरन् संसार को गति देने वाले बनकर रहना है, जीवन के उतार-चढ़ाव, हार-जीत के द्वन्द्वों में, कठिनाई उलझनों की झंझाओं में स्थिर रहना है, संसार पर अपनी छाप छोड़ कर जाना है, आशा और उमंग का जीवन बिताना है,तो……………………….

 

अपने आत्म-विश्वास को जगाइये, उसे विकसित कीजिए। स्मरण रखिए आत्म-विश्वासी के लिए ही संसार स्थान देता है। जो अपने आपको महत्वपूर्ण नहीं मानता उसे संसार भी ढकेल कर एक ओर कर देता है।

Wake up your self-confidence, develop it. For confident, the world is located. Who’s not considers itself important, world is also driven by a side.

आत्म-विश्वास मनुष्य को तुच्छता से महानता की ओर अग्रसर करता है। सामान्य से असामान्य बना देता है। “आत्म-विश्वास की मात्रा हममें जितनी अधिक होगी उतना ही हमारा सम्बन्ध अनन्त – जीवन और अनन्त – शक्ति के साथ गहरा होता जायगा।”

आखिर कब खत्म होगी कोरोना महामारी? यहां है विस्तार से जानकारी

 

जब चारों ओर विपत्तियों के काले बादल मंडराते हों, जब सागर में कहीं भी जीवन नैया को खड़ा करने का किनारा न मिल रहा हो, भयंकर तूफान उठ रहे हों, नाव अब डूबे की स्थिति में हो तो कैसे उद्धार हो सकता है ? आत्म-विश्वास ही ऐसी स्थिति में  मनुष्य को बचा सकता है।

“आत्म विश्वास में वह शक्ति है, जो सहस्रों विपत्तियों का सामना कर उन में विजय प्राप्त करा सकती है।”

कुत्ता पालने के फायदें और नुकसान, जानिए क्या कहता है ज्योतिष

 

आत्म उन्नति के लिए आत्म विश्वास अति आवश्यक है । आत्म विश्वास–परमात्मा पर विश्वास करना है, जिसकी शक्ति अजेय है, अनन्त है। जो अपने आप पर विश्वास करता है, उस पर संसार विश्वास करता है। संसार भर में नेतृत्व, शासन पथप्रदर्शन वे ही करते हैं जिन्हें अपने आप पर विश्वास  होता है। अपने ऊपर अपार विश्वास रखकर ही वे संसार को प्रभावित करते हैं। वस्तुतः सभी मनुष्यों का शरीर एक  सा ही होता है किन्तु जिस व्यक्ति के चेहरे से, आँखों से आत्म- विश्वास का अपार तेज प्रवाहित होता है, जिसके हृदय में आत्म-विश्वास का सम्बन्ध है, उसके समक्ष हिंसक जन्तु भी पालतू – सा बनकर दुम हिलाने लगता है। उसका वह तेज ही दूसरों पर जादू का सा असर डाल देता है।

कोलम्बस जब पृथ्वी की परिक्रमा करने चला था, उसके दुर्बल हृदय साथियों ने उसका साथ छोड़ दिया, उसे बुरा-भला कहकर वापिसलौट जाने की सलाह दी, लेकिन उसका एक अजेय आत्म- विश्वास नहीं टूटा और उसनेनई दुनिया की खोज की। नैपोलियन की सेना रुक गई आल्पस पर्वत को देखकर। उसके सेनानियों को कोई मार्ग नहीं मिला, लेकिन यह दुर्भेद्यता नैपोलियन के अथाह आत्म-विश्वास के लिए बाधा नहीं बन सकी। उसनेकहा — “कुछ भी हो हमें आल्पस पर होकर मार्ग निकालना है” और सचमुच उस विशाल पहाड़ को काट -छाँट कर मार्ग बना लिया गया।

क्यों करने चाहिए उपाय ?

 

भगवान राम अपने अजेय आत्म-विश्वास के बल पर ही वनवास की विपत्तियों को सह सके, रावण से लोहा ले सके। इसके विपरीत ऐसे भी लोग हैं जो अपने ऊपर होने वाले जुल्मों को चुपचाप सहन कर लेते हैं। नपुँसक की तरह उनमें कोई पौरुष नहीं रहता, बुराइयों से लड़ने के लिए, इसका कारण आत्म विश्वास का अभाव ही है।

महर्षि दयानन्द ने उस समय जबकि सारा देश रूढ़िवाद, अन्ध-विश्वास, कुरीतियों, आडम्बरों में डूबा हुआ था, इनके विरुद्ध क्रान्ति की आवाज उठाई। उस समय अपने मिशन के लिए वे अकेले ही थेलेकिन उनके अपार आत्म-विश्वास ने राष्ट्र को नया मार्ग दिखाया। संसार का एक भी महापुरुष, यदि उसके जीवन से आत्म -विश्वास की सामर्थ्य निकाल दी जाय तो वह कुछ भी नहीं बचता।

मनुष्य कितना ही विद्वान, गुणवान, शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन यदि उसमें आत्म-विश्वास की भावना नहीं है तो वह विद्वान होकर भी मूर्खों का सा जीवन बितायेगा। शक्तिशाली होकर भी कायर सिद्ध होगा।

आत्म-विश्वास मनुष्य के कार्यकलाप, उसके जीवन, व्यवहार, गति आदि में एक प्रकार की चैतन्यता, जीवट भर देता है। उसके समस्त जीवन को प्राणवान बना देता है। ऐसा व्यक्ति दूसरों को देखने मात्र से अपना प्रभाव डालता है और लोग उस पर विश्वास करने लगते हैं। उसमें एक प्रकार की दिव्यता महानता सी मालूम पड़ती है। यह और कुछ नहीं, उसका अपना अपार आत्म-विश्वास ही होता है। जो अपने पर विश्वास नहीं रख सकता, उस पर दूसरे भी विश्वास नहीं करते I न उसे कोई महत्व देते हैं।

बिना जन्म तिथि और वर्ष के भी बताया जा सकता है भविष्य

 

एक सी परिस्थितियों, एक-से साधन सम्पत्ति, शिक्षा शक्ति होने पर भी कुछ व्यक्ति महान् बन जाते हैं और उनके दूसरे साथी जीवन की सामान्य आवश्यकताओं को भी पूरी नहीं कर पाते, उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है, पराधीनता, तिरस्कार का जीवन बिताना पड़ता है। इसका कारण आत्म-विश्वास का अभाव ही है। जब कि पहले प्रकार के व्यक्तियों में यही शक्ति प्रधान होती है। आत्म-विश्वास वह ज्योति है जिससे मनुष्य का व्यक्तित्व उसके गुण, कर्म, स्वभाव, जीवन सब प्रकाशयुक्त बन जाते हैं और सर्वत्र अपनी आभा छिटकाते हैं जब कि आत्म- विश्वास हीन व्यक्ति निर्वीर्य, निस्तेज, हीन जीवन बिताता है।

एक शक्तिशाली, सामर्थ्यवान् व्यक्ति के मन से जब आत्म विश्वास नष्ट होने लगता है तो संसार में उसके जमे हुए पैर भी उखड़ने लगते हैं। सुरक्षित चट्टान पर खड़ा होते हुए भी वह वहाँ से लुढ़कने लगता है। भवसागर के थपेड़ों से वह आहत होकर उसकी लहरों में ही डूबने उतराने लगता है। इसके विपरीत एक आत्म-विश्वासी, पलटे हुए पासे को भी एक दिन सीधाकर लेता है, जीवन की झंझावातों में दृढ़ खड़ा रहता है, विपरीतताओं में भी सन्तुलित और शान्त रहकर जीवन पथ पर निरन्तर आगे बढ़ता रहता है। वह अभाव, विरोध सहन करके अकेला ही मंजिल तक पहुँचता है।

निस्सन्देह आत्म-विश्वास अपने उद्धार का एकमहान् सम्बल हैं। निराशा में ही आशा का संचार करने वाला, दुःख को भी सुखमें बदल डालने वाला, विपत्तियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाला, असफलताओं में भी सफलता की ओर अग्रसर करने वाला, तुच्छ से महान्, सामान्य से असामान्य बनाने वाला कौन – सा तत्व है ?

श्री कालभैरव जी और शराब की कुछ बढ़िया रोचक जानकारी

 

वह है — मनुष्य का अपने ऊपर भरोसा, अपनी आत्म- शक्ति पर अटूट विश्वास…

निर्धन का धन, असहाय का सहायक, अशक्त कीसामर्थ्य यदि कोई है तो वह उसका आत्म- विश्वास ही हो सकता है। यही सबपरिस्थितियों में मनुष्य का साथ देकर उसे विजयी बनाता है जीवन के समराँगणमें ? यह आत्म-विश्वास ही मनुष्य का उद्धार करने वाला है और इसका अभाव हीपतन की ओर धकेलने वाला है। अन्य कोई भी शक्ति नहीं जो मनुष्य को बना सके याबिगाड़ सके।

आत्म-विश्वास मनुष्य की शक्तियों को संगठितकरके उन्हें एक दिशा में लगाता है। शारीरिक, मानसिक शक्तियाँ आत्म-विश्वासीके इशारे पर नाचती हैं और काम करती हैं। जो अपनी शक्तियों का स्वामी है, नियन्त्रण कर्ता है उसे संसार में कोई भी कमी नहीं रहती। सिद्धि, सफलतायेंस्वयं आकर उसके दरवाजे खटखटाती हैं।

निर्बल, असहाय, दीन, दुःखी, दरिद्री कौन? जिसका आत्म- विश्वास मर चुका है।

कैसे प्रेम विवाह के रास्ते की सारी बाधाएं दूर होंगी ?

 

भाग्यहीन कौन ?

जिसका अपने विश्वास ने साथ छोड़ दिया है। वस्तुतः आत्म- विश्वास जीवन नैया का एक शक्तिशाली समर्थ मल्लाह है जो डूबती नाव को पतवार के सहारे ही नहीं वरन् अपने हाथों से उठाकर प्रबल लहरों से पार कर देता है। आत्म – विश्वासहीन व्यक्ति जीवित होता हुआ भी मृत तुल्य है। क्योंकि उत्साह, तेज, शक्ति, साहस, स्फूर्ति, आशा, उमंग के साथ जीना ही जीवन है और ये सब वहीं रहते हैं, जहाँ आत्म-विश्वास होता है।

जीवन में कभी कुछ समस्याएं असमय या अचानक ही घटित हो जाती हैI जब भी आपको ऐसा लगे तो इन बातों पर अमल करें ……

  • जरा भी न घबराये I
    • साहस से काम लें I
    • जो हो गया उस पर परेशान न हो I
    • आगे और परिश्रम का संकल्प करे I
    • अपने साथ घटित घटना को चर्चा का विषय न बनाये I

क्या पैसा नही रुकता है, खर्च अधिक है तो क्या करे उपाय ?

Tagged confidance, life, self-confidence
maheshshivapress
महेश कुमार शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
https://ganeshavoice.in