जीवन मंत्र

कैसे दूर करे नकारात्मकता और निराशा को

जीवन है तो आशा और निराशा तो साथ होगी ही। लेकिन हमारी कोशिश यही होनी चाहिए परिस्थिति चाहें कितनी भी विपरीत क्यों ना हो सदा खुद को मोटीवेट (motivate) करते रहो। कभी-कभी तो जीवन इतना निराश हो जाता है कि सकारात्मकता क्या होती है यह सोच भी नहीं पाते। लेकिन आप घबराएं नही यह कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है क्योंकि यह स्थायी नहीं होता है।
अपने लक्ष्य को हमेशा अपने साथ रखे। कहने का तात्पर्य यह है कि आपके दिमाग में हमेशा चलता रहना चाहिए की आपको यह कार्य अच्छे से ख़त्म करना है या इसमें मुझे पूर्ण सफलता हासिल करनी है। जागरूक में हम कुछ ऐसे ही तरीकों का जिक्र करेंगे जो आपके लिए जरूर मोटिवेशनल (motivational) साबित होंगे।


1. किसी को अपना आदर्श बनाइये –
जीवन में एक गुरु की चाहत सभी को होती है उसी तरह आपकी निराशा को दूर करने वाला भी एक गुरु ही होता है गुरु का मतलब ये नहीं की जो आपको शिक्षा दे बल्कि हर वह व्यक्ति है जिसे आप अपना आदर्श मान लो। इसीलिए परशानियों के समय में आप अपने आदर्शो के पास जाते ही, तो वह आपकी निराशा को जरूर दूर कर सकते है।
2. उत्साहित रहिये –
अगर कोई व्यक्ति उत्साहित रहेगा तो वह निश्चित रूप से अपने लक्ष्य को आसानी से जरूर पा सकेगा। इसीलिए आपका उत्साहित रहना भी बहुत अधिक जरुरी है। जब आप उत्साहित रहेंगे तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगा और आपकी निराशा को दूर करने का काम करेगा।

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3. सहायता ले सकते है –
जरुरत के वक़्त हमें सबसे अधिक आवश्यकता अपनों की होती है इसीलिए अगर आप अपनी निराशा के वक़्त किसी ऐसे इंसान की सहायता लेते है जो की आपके लिए लाभदायक हो सकती है या फिर आपकी निराशा को दूर कर सकता है तो यह आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा।
4. आत्मविश्वास बनाये रखे –
कई लोगो को निराशा इसीलिए भी हाथ लगती है क्योकि उन्हें जिस काम में निराशा मिली होती है वह काम उन्होंने आत्मविश्वास के साथ नहीं किया होता, इसीलिए आपके लिए आत्मविश्वासित होना बहुत जरुरी है अगर आप अपने अंदर कॉन्फिडेंस (confidence) रखते है तो निश्चित रूप से आपको किसी भी कार्य में निराशा नहीं मिलेगी।
5. पॉजिटिव सोच रखिये –
जब हम किसी बारे में नेगेटिव (negative) सोचते है हमें सबसे अधिक निराशा तभी होती है इसीलिए आत्मविश्वास के साथ आपको अपनी सोच को भी पॉजिटिव (positive) रखना होगा जब आप अपनी सोच को पॉजिटिव रखते है और नकारात्मक विचार अपने अंदर नहीं आने देते तो निराशा भी आपको नहीं आती।

6. शांत मन से सोचे –
अगर कभी किसी नाकामी की वजह से आपका मन निराश हो तो शांत मन से सोचें कि किस गलती की वजह से आपको असफलता मिली है। फिर उसमें सुधार लाने की कोशिश करें।
7. दुःख को दूसरों से share करें –
दुःख हर तरह के लोगों के जीवन में आता है। इस वजह से अपने – आप को न कोसे बल्कि करीबी लोगों से मन की बातें शेयर (share) करें। दुख बाटने से मन हल्का हो जाता है। जरुरत पड़े तो दूसरों से सलाह भी लें। कभी – कभी दूसरों की सलाह भी निराशा दूर करने में मददगार साबित होती है।
8. अच्छी किताबें पढ़े –
जब भी निराशा महसूस हो तो अच्छी प्रेरणादायक किताबें पढ़े। दुःख के दिनों में books आपकी सबसे अच्छी दोस्त बन सकती है।
9. दिनचर्या को व्यवस्थित रखें –
स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का विकास होता है। इसलिए अपने मन से नकारात्मक भावना को दूर करने के लिए नियमित योगाभ्यास और ध्यान करें। आप अपनी रूचि के अनुसार कोई अन्य काम भी कर सकते है।
10. एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित करें –
जब हम एक ही समय में बहुत कुछ करने की कोशिश करते है तो इसमें हमारी ऊर्जा और एकाग्रता दोनों खत्म होने लगते हैं। इस वजह से हम अपने लक्ष्य से भटक जाते है और खुद को मोटीवेट (motivate) नहीं कर पाते। शायद यह ही सबसे आम गलती होती है लोगों के जीवन में।

अपने आत्म-विश्वास को जगाइये, उसे विकसित कीजिए।

11. सोच को बदलिए –
जो विचार आपको निराशाजनक बना रहे हैं उन्हें पहचाने। क्योंकि ऐसे विचार आपको आगे बढ़ने से रोकते हैं। इसलिए ऐसे नकारात्मक विचारो को एक कागज पर लिख लें। फिर धीरे-धीरे इन नकारात्मक विचारों को अपने मन से निकालकर उनको सकारात्मक विचारों में बदल दीजिये।
जैसे– ”ये बहुत कठिन है” या ”ये मुझसे कैसे होगा” या ”मैं अकेला क्या कर सकता हूँ” आदि सोच को बदल दीजिए। जैसे– ”ये तो बहुत आसान है” या ”मैं ये कर सकता हूँ” या ”कुछ भी बदलने के लिए अकेले ही बढ़ना पड़ता है” आदि से बदल कर देखिए।
12. अपना आदर्श खोजिए –
आपके जीवन में भी कई लोग ऐसे होंगे जिन्हें देखकर आप सोचते है ”मुझे भी ऐसा ही बनना है” इसलिए ऐसे व्यक्ति को खोजिए जिसे देखकर आप स्वयं को मोटीवेट कर सके।
अपने आदर्श से प्रेरणा लीजिए और सोचे जब इस क्षेत्र में यह सफल हो सकते है तो मैं क्यों नहीं” इसमें कोई संदेह नहीं कि ऐसा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता हैं लेकिन खुद पर विश्वास कीजिए यह विचार सच में काम करता है।
13. कल्पना कीजिए –
दिमाग में कल्पना कीजिए की अगर मैं अपने गोल को अचिव (achieve) कर लिया तो मुझे कितना लाभ होगा! मेरा सफल होना कैसा महसूस कराएगा। मेरी समाज में क्या प्रतिष्ठा होगी आदि।

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14. रोजाना कुछ भी पढ़ने की आदत –
इस आदत से आप सदा मोटीवेट रहेंगे। रोजाना पढ़ने की आदत से आपका ध्यान अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहेगा। रोजाना पसंदीदा विषयो से सम्बन्धित, नयी चीजों के बारे में, प्रेरणादायक जीवनी, मोटिवेशनल ब्लॉग, साहित्य आदि पढ़िए।
जब आप निराशा से घिरे हो खासतौर से तब तो ज़रूर पढ़िए। यह आदत आपको प्रेरित और उत्साहित करेंगी जिससे आपका मोटिवेशन लेवेल बढ़ेगा। लेकिन हाँ, अपने लक्ष्य के बारे में जो आपने प्लान बनाया है उसे पढ़ना कभी ना भूले।
15. सहायता लीजिए –
जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते है की हमें किसी ना किसी की आवश्यकता पड़ती है। मदद देने में जब हिचक नहीं तो लेने में क्या हिचक। क्योंकि मदद वही करेगा जो आपको अपना समझेगा।
मदद किसी भी तरह की हो सकती है पैसे की, फिजिकल सपोर्ट की, मोरल सपोर्ट की। मदद आपकी स्थिति पर निर्भर करता है। परेशानी में सहायता मिलने पर आप निराशाजनक स्थिति से बच जाओगे। इसलिए अपना सपोर्ट नेटवर्क तलाश कीजिए। अपने आस-पास, ऑनलाइन या दोनों जगह।

Tagged confidence, depression, motivate, negative, positive
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महेश कुमार शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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