Astrology जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के विश्लेषण के आधार पर ज्योतिष Astrology हमें एक व्यक्ति की बुनियादी विशेषताओं, प्राथमिकताओं, कमियों और भय की एक झलक दे सकता है। अगर हम राशियों की बुनियादी विशेषताओं को जान लें तो हम वास्तव में लोगों को बहुत बेहतर जान सकते हैं।
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तुला :
इस राशि में जन्मा जातक छरहरा, पतला लम्बे शरीर का मालिक होता है । वह सुन्दर मन भावन दिखता है । वह सभी विषयों में साहसी समदर्शी होता है । उसके मन में संतो ब्राह्मणों के प्रति अत्यधिक श्रद्धा होती है । वह अपने को भगवान की भक्ति में लगाये रहता है । ऐसा जातक ललित कलाओ, संगीत स्त्रियों की संगती में रूचि लेता है लेकिन यदि कुंडली में सप्तमेश शुभ स्थिति में नहीं हो तो इनके अपनी पत्नी के साथ अच्छे सम्बन्ध नहीं होते ।
निर्बलता : निर्णय में कमी , आनंद दायक कार्यों में आवश्यकता से अधिक लिप्त और दूसरो की नक़ल उतरना ।
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वृश्चिक :
इस राशि के जातको का चौड़ा सीना, बड़ी-बड़ी आँखे, जांघें एवं घुटने गोल एवं भारी होते है । बचपन में इनका स्वास्थ्य ख़राब होता है । यह अपने माता-पिता से दूर जाते है और क्रूरता पूर्ण कार्य करते है । लेकिन इनके प्रशंसको के पास इनका विवरण अच्छा होता है । ये जातक चतुर एवं अस्थिर बुद्धि के होते है । इनकी पत्नी बुद्धिमान और धर्मपरायण होती है ।
निर्बलता : बिना किसी कूटनीति के स्वतंत्रता से बोलना, अपनी गलतियों एवं स्वच्छता की अवहेलना के कारण अस्त-व्यस्त एवं शीघ्र उत्तेजित होना, आनंददायक कार्यों में आवश्यकता से अधिक लिप्त रहना ।
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धनु
इस राशि के सभी जातक महत्वाकांक्षी, ध्येयवादी, सहिष्णु और विद्वान होते हैं। उदारता, नवीनता की चाह और लोगों को साथ लेकर चलने में ये व्यक्ति माहिर होते हैं। समाज में ‘सज्जन’ और ‘ज्ञानी’ कहकर इनकी पहचान होती है। प्रवास करने का शौक होता है। माता-पिता से अति प्रेम होता है। संस्कारों को पूर्णता से सहेजते हैं, बच्चों को भी अच्छी परवरिश देते हैं।
निर्बलता : अपनी एक धारणा बनाकर उस पर चलना और लोगों पर अतिविश्वास करना ।