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कालाष्टमी Kalashtami पर कर लिए ये उपाय तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखोगे

कालाष्टमी (Kalashtami) के दिन भगवान शिव के पांचवें अवतार कालभैरव की पूजा होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन को भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगावन शिव के रूद्र स्वरूप कालभैरव की पूजा होती है। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता हैं। भक्त भगवान कालभैरव के सौम्य स्वरूप बटुक भैरव की पूजा- अर्चना करते हैं। इस दिन पूजा करने से भय, नकारात्मक शक्तियां और शत्रुओं से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं कालाष्टमी व्रत शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि–

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कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त
कालाष्टमी की अष्टमी तिथि प्रारंभ- दोपहर 02 बजकर 01 मिनट पर।
कालाष्टमी समाप्त – 2 जुलाई 2021 को दोपक 03 बजकर 28 मिनट पर होगा।

कालाष्टमी महत्व
कालाष्टमी के दिन भगवान कालभैरव की पूजा अर्चना की जाती हैं। इस दिन पूजा- पाठ करने से व्यक्ति को भय, ग्रह दोष और संकट से मुक्ति मिलती है। इस दिन पूजा और उपवास करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाती है।

कालाष्टमी पूजा विधि
कालाष्टमी के दिन सुबह- सुबह उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा के स्थान को साफ कर भगवान की मूर्ति स्थापित कर दीप प्रजवलित करें। इस दिन भगवान कालभैरव के साथ भगवान शिव की भी पूजा अर्चना करें। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और रात को भगवान कालभैरव की पूजा करते हैं। भगवान को धूप, काले तिल, उड़द और सरसों का तेल चढ़ाएं। इसके अलावा हलवा, मीठी पूरी और जलेबी आदि का भोग लगाएं। इसके बादा काल भैरव चालीसा का पाठ करें और पूजा होने के बाद आरती करें।

कालाष्टमी के उपाय
कालभैरव का अर्थ होता है जिसे काल भी भयभीत हो जाएं , इसलिए इनके हाथ में त्रिशूल, तलवार और डंडा होने के कारण इन्हें दंडपाणि भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भैरव शब्द में ब्रह्मा, विष्णु और महेष की शक्ति समाहित होती है। कालिका पुराण के अनुसार, कालभैरव भगवान की सवारी श्वान है इसलिए इस दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाने से लाभ मिलता है। इससे आपके आस-पास नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है, साथ ही आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलता है।

कालाष्टमी के दिन कई लोग उपवास और व्रत रखते हैं। इस दिन विभिन्न उपायों को करने से आपकी सभी मनोकामानाएं पूर्ण हो जाती है। ज्योतिषों के अनुसार कालाष्टमी के दिन कुछ उपायों को करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…

1 .कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए उनकी मूर्ति के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और श्री कालभैरवाष्टमकम् का पाठ करें। इस उपाय को करने से आपकी सभी मनोकामानाएं पूर्ण हो जाती है।

2. कालाष्टमी के दिन काल भैरव भगवान को 21 बिल्वपत्रों पर ऊं नम: शिवाय लिखकर चढ़ाएं। इस दिन विधि- विधान से पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

3 . ज्योतिष विद्या के अनुसार, कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाने से आपके बिगड़े हुए काम बनते हैं। अगर आपको काला कुत्ता नहीं मिल रहा है तो किसी भी अन्य कुत्ते को भी रोटी खिला सकते हैं। भगवान कालभैरव की सवारी कुत्ता हैं। इस उपाय को करने से भगवान कालभैरव ही नहीं शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।

4. भगवान कालभैरव को प्रसन्न करने के लिए कालाष्टमी के दिन से अगले 40 दिन तक काल भैरव के दर्शन करें। इस उपाय को करने से भगवान भैरव प्रसन्न होंगे और आपकी सभी इच्छाओं को पूरा करेंगे। इस पूजा विधि को चालीसा कहते हैं।

5. कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव के मंदिर में चंदन, गुलाब की 33 खुशबूदार अगरबत्तियां जलाएं. ऐसा करने से आपके सभी दुख दूर हो जाएंगे।

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महेश कुमार शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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