आज मैं आपको एक बहुत ही रोचक जानकारी Tips दे रहा हूँ जिससे आपके कुंडली के 5 ग्रह शुभ फल देंगे या उनके अशुभ फलों से छुटकारा मिलेगा।
जैसा कि हम सब जानते है कि भगवान हमारे सामने ही होते है पर बेवजह हम उन्हें मंदिर-मस्जिद में ढूँढते है, उसी तरह ज्योतिषीय उपाय भी आपके सामने आपके घर मे ही होते है पर आप बेवजह उपायो को रत्न, दान, टोटके आदि में ढूँढते हो..
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“दही-चावल” खाने से वैज्ञानिक तौर पर सेहत संबंधित जो फायदे है उससे आप भलीभाँति परिचित ही होंगे, पर आज मैं आपको Curd-Rice खाने के ज्योतिषीय फायदे बताऊँगा। चावल-चंद्र, दही-शुक्र… बाकी तीन ग्रह है बृहस्पति, मंगल और शनि..अब आप कहोंगें की ये दही-चावल तो सफेद होता है तो गुरु का क्या संबंध.?? मित्रो मैं कोई भी पोस्ट पूरे तथ्यों और प्रमाणित जानकारी के आधार पर ही रखता हूँ अतः आगे बिंदुवत पढ़े किस तरह इसके सेवन से आप अन्य 3 ग्रहो के बुरे प्रभाव से कैसे छुटकारा पा सकते हो..
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गुरु :-चावल खाने से मोटापा बढ़ता है, सही बात है पर जब चावल दही के साथ मिलता है तो ये आपका मोटापा कम करता है। गुरु ग्रह जब भी बुरे प्रभाव देते है तो सबसे पहले आपके पेट पर बुरा प्रभाव दिखाते है,वैसे ये आप सभी जानते है कि पेट से ही अधिकतर बीमारिया शुरू होती है। पाचन तंत्र का बिगड़ना,कब्ज आदि या मोटापा बढ़ना जिससे विशेषकर अविवाहित महिलाओं को बहुत परेशानी होती है। दही-चावल के नियमित सेवन से आपका पेट हमेशा साफ रहेगा,मोटापा नही बढेगा बल्कि वजन कम होगा इस तरह आप गुरु के बुरे प्रभाव से बच सकोगे।
मंगल :-मंगल अशुभ प्रभाव के तौर पर अत्याधिक क्रोध और चिढ़चिड़ापन देता है,रक्त के प्रवाह में बदलाव होता है,दही में मौजूद खास बैक्टीरिया आपके White Blood Cell बढ़ाने में बहुत सहायक होते है,दही-चावल के सेवन से मन शांत रहता है और खून का संचार अच्छा होता है।
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शनि:-शनि जब भी बुरा प्रभाव देता है तो आपके शरीर मे आलस्य कूट-कूटकर भर देता है, हड्डियां कमजोर होती है..दही में मौजूद बैक्टीरिया में उच्च किस्म का कैल्शियम पाया जाता है..इससे आपकी हड्डियों को मजबूती मिलती है, नींद अच्छी आती है जिससे जातक सुबह जल्दी उठता है, और जो भी लोग सुबह जल्दी उठते है वो अनुशासित जिंदगी जीकर शनि देव के शुभ फल पाते है।
शुक्र :-दही का प्रत्यक्ष कारक ग्रह शुक्र है। नियमति दही के सेवन से जातक के वीर्य में Semens count में जबर्दस्त वृद्धि होती है जिससे ना सिर्फ आपके उन विशेष लम्हो में इजाफा होता है बल्कि वीर्य भी गाढ़ा होता है जो स्वस्थ संतान उत्पोन्नति के लिए मदद करता है। अतः जितने भी सदस्य या उनके परिवार में नई संतान की प्लानिंग है तो आप जातक को शुरू से ही दही-चावल को उनके नियमित खुराक में शामिल करने कहे। महिलाओं को भी मासिक धर्म मे समस्या हो तो दही का सेवन करना चाहिए।
चंद्र :-चावल तो चंद्र के आधिपत्य में ही आता है..चावल में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में पाया जाता है। चावल का सेवन से मन शांत होता है क्योंकि चावल की प्रकृति शीत है।चावल पचने में भी आसान होता है तभी आपने गौर किया होगा कि मरीजो को चावल का अधिक सेवन कराया जाता है। जितना चावल अधिक खाओगे मंगल की क्रोधाग्नि शांत होती है।
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अब सावधानीयाँ:-
- दही-चावल गर्मी में अधिक खाना चाहिये,ठंड में खुराक कम करनी चाहिये। नियमित सेवन का अर्थ है दही-चावल को अपने रोज की खुराक में शामिल करना,इसे ग्रह शान्ति वाले अनुष्ठान की तरह ना माने कि एक बार खा लिया तो सब अच्छा होगा। हफ्ते में 5 दिन अवश्य ले।
- दही-चावल दोपहर में अधिक खाये,रात को कम या 1-2 चम्मच..किसी को सर्दी हो,नाक बह रही हो तो ये बिलकुल भी ना खाये।
- अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह ले कि आपको दही से कुछ एलर्जी तो नही आदि..
विशेष : किसी भी उपाय को करने से पहले विद्वान ज्योतिषी के कुंडली के सम्बन्ध में परामर्श अवश्य करे I