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आज आषाढ़ी अमावस्या Ashadhi Amavasya : आज करेंगे ये काम तो मिलेगा बेहद पुण्य लाभ

Ashadhi Amavasya : हिंदू धर्म में अमावस्या Ashadhi Amavasya की तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ख़ासतौर से पितरों की पूजा के लिए ये दिन बहुत शुभ बताया गया है। अगर आप इस दिन अपने पितरों की पूजा करते हैं तो आपको उनका विशेष आशीर्वाद मिलता है और साथ ही उनकी आत्मा को शांति मिलती है। अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है फिर तो ये पूजा आपके लिए और भी आवश्यक और लाभदायक है।

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Ashadhi Amavasya : इस दिन विधिवत रूप से पितरों कि पूजा की जाती है। इसके पश्चात गंगा नदी में स्नान किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति गंगा नदी में स्नान करने नहीं जा सकता तो वो किसी अन्य नदी या सरोवर के तट पर भी जा सकता है। अगर इसकी भी संभावना ना हो तो इंसान गंगाजल को पानी में मिलाकर भी स्नान कर सकता है।

कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं और फलाहार वाला भोजन ही ग्रहण करते हैं। इसके अतिरिक्त इस दिन दान-पुण्य का काम करना भी काफ़ी शुभ होता है। आपको अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार जो भी ठीक लगे वो आप किसी गरीब को दान कर सकते हैं।

इन सब के अलावा एक और चीज़ है जिसे करने से आप अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ खास वृक्ष हैं जिन्हें अमावस्या के दिन लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है और इससे पितरों को खुशी मिलती है। इनमें निम्नलिखित पौधे शामिल हैं…

बिल्व का वृक्ष
अमावस्या के दिन शिव जी की पूजा की पूजा का बहुत महत्व होता है। इससे सिर्फ भगवान शिव ही नहीं बल्कि चन्द्र देव भी प्रसन्न होते हैं। ऐसी मान्यता है कि बेल का पेड़ शिव जी को बहुत प्रिय है। इसलिए अगर आप बेल का वृक्ष लगाते हैं तो ये पुण्यदायी माना जाता है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

बरगद का वृक्ष
शास्त्रों और वेदों के अनुसार बरगद को मोक्ष देने वाला वृक्ष माना गया है। अमावस्या के दिन बरगद का पौधा लगाने से पितरों कि आत्मा को बहुत शांति मिलती है। व्यक्ति के परिवार में सबको इसका लाभ मिलता है और सभी सदस्यों की आयु लम्बी होती है। इसके अतिरिक्त आप बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर शिव जी की आराधना करें और फिर पेड़ की तीन बार परिक्रमा करें तो इसे भी काफ़ी शुभ माना जाता है।

पीपल का वृक्ष
हमारे हिन्दू धर्म में पीपल के वृक्ष की बहुत मान्यता होती है। ऐसा कहा जाता है कि पीपल का पेड़ भगवान कृष्ण का प्रतिनिधित्व करता है। पीपल का पौधा अगर अमावस्या के दिन लगाया जाए तो पितरों को बहुत शांति मिलती है। पौधा लगाने के अतिरिक्त आप पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर सरसों के तेल का दीया भी अवश्य जलाएं।

तुलसी का पौधा
ऐसी मान्यता है कि तुलसी के पौधे से बैकुंठ पहुंचा जा सकता है। तुलसी के पौधे का हमारे धर्म में ऐसे भी महत्वपूर्ण स्थान है। अगर आप अमावस्या के दिन अपने पितरों के नाम पर तुलसी का पौधा लगाते हैं तो इससे पितरों को मुक्ति मिलती है। और अगर ये काम पितृ पक्ष के दौरान किया जाए तो उसे और भी शुभ माना जाता है। कहते हैं घर में अगर तुलसी का पौधा हो तो सभी वास्तु दोषों का निवारण होता है। इसके साथ ही ये परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को अकाल मृत्यु से बचाता है।
ध्यान रहे केवल इन पौधों को लगाकर छोड़ना नहीं है। जब तक ये बड़े ना हो जाए इनकी अच्छे से देखरेख करनी होगी। कहते हैं जैसे-जैसे ये पौधे बड़े होते हैं और वृक्ष में परिवर्तित होते जाते हैं, वैसे वैसे ही आपके जीवन से सारी समस्याएं दूर होती जाती हैं।

संकलन
श्री ज्योतिष सेवा संस्थान भीलवाड़ा (राजस्थान)

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महेश के. शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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