भीम मनोहर, बरेली। कोरोना का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। जानकार कह रहे हैं कि लोगों की मौत कोरोना से कम है डर की वजह से हो रही है। ऐसे में बरेली में एक युवा सामने आया हैं जो टेलीफोनिक सेशन देकर कोरोना संक्रमित मरीजों को एक नई जिंदगी देने का काम कर रहे हैं। उनसे सेशन लेने वालों में अधिकारियों से लेकर आम इंसान भी है। आमतौर पर एनर्जी एक्सपर्ट विशेष कुमार ने सलाह देने के लिए परामर्श लिया करते थे लेकिन उन्होंने कोविड संक्रमण काल में यह काम फ्री कर दिया है। अब उनके पास देश के हर कोने से कॉल आ रही हैं।
इनर स्माईल केयर ग्रुप के डायरेक्टर और लाइफ़ आर्ट एक्सपर्ट विशेष कुमार लगातार ने बताया कि कोविड—19 संक्रमण काल में लोगों को स्ट्रेस या फिर कहे डिप्रेशन से निकालने का कार्य कर रहे हैं। उनके काम से काफी लोगों को फायदा भी हो रहा है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि प्राकृतिक आपदा का समय है, लेकिन ऐसे में प्रकृति हमें बचाव के संकेत भी देती है और मौके भी और ऐसे में समुचित दूरी, मास्क व सेनेटाइजर एक बेहतर विकल्प है। साथ ही साथ यह समय अपने भीतर जाने का है। अपने मन को स्थिर और ज्यादा से ज्यादा मजबूत बना लेने का है। घर पर ही रहकर अपने आभामंडल को मजबूत बनाये। आपका आभामंडल आंतरिक हुआ या बाह्य, जितना मजबूत होगा आप तमाम प्रकार की नकारात्मक चीजों से उतना बच पाएंगे। वह यह भी कहते हैं अगर घर के दरवाजे खुले हैं तो कोई भी घुसा चला आएगा। ऐसा ही आपका शरीर है। इस शरीर के चारों तरफ जो आभामंडल (औरा) है जितना सकारात्मक और पॉजिटिव होगा, आप उतना ही चीजों को सही से कर पाएंगे। आभा मंडल को मजबूत करने के लिए योग प्राणायाम ध्यान जरूर करें घर पर रहते हुए सरकार द्वारा बताए गए नियमों का पालन करें। विश्वास का विश्वास अगर आदमी कुछ बातों पर अपना फोकस कर ले तो निश्चित कोरोना आपके पास नहीं आएगा।
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पांचो ज्ञानेंद्रियों का रखें खासकर ध्यान:
कोविड संक्रमण काल में पांच ज्ञानेंद्रियों में से ये तीन नाक, कान और आंखें सबसे महत्वपूर्ण हैं तो अपनी नाक, कान और अपनी आंखों पर सबसे विशेष तौर पर ध्यान देना है। हम क्या देख रहे हैं, सुन रहे हैं उसका असर सीधे हमारे मन पर अंकित हो रहा है, जिससे डर के नकारात्मक हार्मोन्स पैदा हो रहे हैं जो हमारी ही इम्युनिटी को और कम करते जा रहे हैं। इसलिए सकारात्मक चीजों पर ध्यान बनाए रखें।
वायु तत्व को बना ले मजबूत:
शरीर के पांचों तत्वों में पानी सबसे महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इस समय वायु तत्व की ज्यादा महत्ता हो गई है यानी कि शरीर में ऑक्सीजन वायु तत्व को भी बैलेंस करें।
पानी पीये तो यही भी ध्यान रखे
शरीर में 70 से 80% पानी है, लेकिन अधिकांश लोग अत्यधिक पानी पीने लगते हैं जो कि गलत है पानी हमेशा अपने वजन के अनुसार ही पिये और इस समय गुनगुना पानी का ही सेवन करें।
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नकारात्मक विचारों पर लगाएं लगाम
प्राणायाम अर्थात प्राणों का आयाम प्राण ऊर्जा बढ़ते ही मन और शरीर को जबरदस्त सकारात्मक ऊर्जा मिलने लगती है। और मन में अधिकांश विचार आते ही फिर सकारात्मक है। भ्रामरी प्राणायाम आपके नकारात्मक विचारों पर लगाम लगा देता है।
सुबह की धूप से ले फायदा
सुबह सूर्य की रोशनी जरूर लें इसे विटामिन डी तो मिलता ही है, साथ ही संक्रमण काल में भी व्यक्ति को बहुत सी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
ये आसान देंगे आपको भरपूर ऑक्सीजन
ताड़ासन, भुजंगासन व सर्वांगासन: उससे पहले सूक्ष्म व्यायाम अवश्य करें। प्रयास करे पूर्व की ओर मुंह करके हमेशा योग करे। सकारात्मक ऊर्जा सबसे ज्यादा पूर्व दिशा से ही आती है।
ज्यादा नकारात्मक बातें करने से बचें
पूरे जीवन में व्यक्ति जिस व्यक्ति से सबसे ज्यादा बात करता है वो वह स्वयं ही होता है और इस कोविड संक्रमण काल में व्यक्ति अपने आप से ज्यादातर नकारात्मक बाते ही कर रहा है सकारात्मक चीजों पर ध्यान ले जाये।
डर से बड़ा वायरस और कोई नहीं
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में भय होना लाजमी है, लेकिन अगर यह भय लगातार बना रहे तो इसका असर सीधे व्यक्ति की इम्युनिटी पर पड़ता है और इस कोविड संक्रमण काल में भी ये ही हो रहा है, जो लोगों को सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है भय से बड़ा वायरस दुनिया में और कोई भी नहीं है।
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मेडिटेशन बदल देगा मन
स्मार्टफोन का जमाना है स्मार्ट फोन में डाटा ज्यादा भर जाएगा तो स्पीड भी स्लो हो जाएगी और हैंग भी करेगा ठीक उसी प्रकार हमारा मन है मन में जब विचारों की संख्या ज्यादा होने लगेगी तो निश्चित रूप से दिक्कत होना लाजमी है प्रतिदिन का किया हुआ 15 दिन का मेडिटेशन आपके लिए एंटीवायरस का काम करेगा।और सकारात्मक ऊर्जाओं से लबरेज रखेगा।
हार्मोन्स का रखें ध्यान
हमारे शरीर में कुल 230 प्रकार के हार्मोन होते हैं हारमोंस हमारी बॉडी में मौजूद कोशिकाओं और ग्रंथियों में से निकलने वाले केमिकल होते हैं इन केमिकल का सीधा असर हमारे मेटाबॉलिज्म,इम्यून सिस्टम रीप्रोडक्टिव सिस्टम व शरीर के डेवलपमेंट और मूड पर पड़ता है। कॉर्टिसोल सबसे ज्यादा खतरनाक हार्मोन होता है जो शरीर में सबसे ज्यादा तनाव डर पैदा कर देता है और तमाम प्रकार की बीमारियां देता है।