मित्रों, हाल ही में हमने श्री हनुमान चालीसा के गुप्त रहस्यों की एक सीरिज शुरु की है। यह आज दूसरा पार्ट है।
श्री हनुमान चालीसा का दूसरा छंद है —
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार ।।
इसका अर्थ यह है कि यह जानते हुए कि मैं बुद्धिहीन हूं, मैं वायु देव के पुत्र को याद करता हूं ताकि सारी समस्याओं को दूर करने के लिए वह निश्चय ही मुझे शक्ति बुद्धि शिक्षा प्रदान करेंगे । पिछले वाले छंद में हमने अपने मन को क्लियर किया अब यहां पर हम यह जानते हुए कि हम बुद्धिहीन हैं और हम भगवान को बता रहे हैं कि हमें क्या चाहिए। हम अपनी पहचान कर रहे हैं बुद्धिहीन नार्मल लैंग्वेज में जिसको अक्ल ना हो उसे बुद्धू बोलते हैं और जिसे अक्ल हो उसे बुद्ध बोलते हैं। गौतम बुध के कारण समझदार व्यक्ति को बुद्ध कहा जाता है जैसे कि गौतम बुध को यह पता लगा था कि इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं है और जो भी परेशानी है वह हमारी डिजायर की वजह से है।
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बुद्धि का न होना बहुत खतरनाक होता है जो हमें यह बताता है हमने कुछ सीख तो लिया लेकिन हमें बुद्धि नहीं है इसीलिए हम एक कुएं के मेंढक ही बनकर रह गए हैं। हमें लगता है कि सब कुछ यहीं है क्योंकि ज्ञान तो हो गया लेकिन बुद्धि की कमी है और उस चक्कर में हम कोपमन्डूक बन जाते हैं क्योंकि ज्ञान अपने आप में अनंत है और जो अनंत को जानता है वह भगवान होता है, वह हम नहीं होते। यहां पर हम पवन पुत्र से बल बुद्धि विद्या पहले हम बल मांग रहे हैं ताकि हमारे अंदर इतनी कैपेबिलिटी हो कि विद्या को हम ग्रहण कर सके और उसके बाद हम मदद मांगते हैं कि जो क्लेश, क्लेश मतलब जो हमारी मानसिक समस्याएं हैं और विकास जो शरीर को परेशान करते हैं उनको दूर करें उनको हर ले।
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क्लेश जो होते हैं जैसे कि कामवासना को क्लेश ही कहा जाता है। बहुत ज्यादा गुस्से को क्लेश कहा जाता है। अभिमान यह भी क्लेश का ही एक रूप है। इसके अलावा द्वेष अर्थात किसी से शत्रुता रखना इसे भी क्लेश माना जाता है किसी से जैलिसी से रखना। ईर्ष्या रखना यह भी कलेश में ही आता है। इसके अलावा राग, राग माने जुनून यह भी कहा कि मेंटल प्रॉब्लम है इसे भी क्लेश की केटेगरी में कहा जाता है। हम पवन पुत्र से कहते हैं कि हमें बल दे दीजिए बुद्धि दे दीजिए विद्या दे दीजिए क्योंकि यह तो हम जानते ही हैं जब हमें यह मिल जाएगा तो हमारा दिमाग स्वस्थ हो जाएगा और सफलता और सौभाग्य तो हम पा ही लेंगे।
श्री हनुमान चालीसा के गुप्त रहस्य : पार्ट 01
मतलब मेंटल प्रॉब्लम और फिजिकल प्रॉब्लम को खत्म करें और बल बुद्धि विद्या दे ताकि हम सौभाग्य को प्राप्त कर सकें। अपनी इच्छा भगवान को बता रहे हैं ताकि वह पूरी करें।
पहली चौपाई में हमने अपने दिमाग को क्लीयर किया और हम इस चौपाई को हम इच्छाओं के लिए यूज कर सकते हैं, अहंकार को दूर करने के लिए इसका यूज करते हैं क्योंकि बुद्धि तो नहीं आई लेकिन अहंकार आ गया। इसके बाद ही हम हनुमान चालीसा में प्रवेश करते हैं।
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