महामृत्युंजय मंत्र जाप: कोई भी मंत्र एक बार में सफलता नहीं देता है, मंत्रों में ऊर्जा जगाने के लिए सवा लाख जप करने पड़ते हैं और वह भी पूरी श्रद्धा भक्ति से। तब ये जागृत होकर हमारे लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं।
ये संपुट महामृत्युंजय मंत्र है, जिसके नित्य पाठ से घर में अचानक घटने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है,जब बड़े बड़े उपाय काम न करें तब ये संजीवनी बूटी का काम करता है, इसलिए इसे महा मृत्युंजय मंत्र कहा जाता है, बहुत से लोगों का कहना है कि हमने इसे किसी बीमार व्यक्ति को ठीक करने के लिए किया था लेकिन वह व्यक्ति तो ठीक नहीं हुआ।
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तो उसके लिए में यह कहना चाहता हूं कि आपने इसके रहस्य को समझा ही नहीं है। इस मंत्र को करने के लिए किसी के बीमार होने का इंतजार नहीं करना चाहिए,बल्कि बीमारी हमारे घर में न आए उसके लिए इसे नियमित करना चाहिए।
जो लोग नियमित रूप से इस मंत्र की एक माला रोज सुबह या शाम करते हैं उनके घर का कोई सदस्य दुर्घटना का शिकार नहीं होता है, इतना शक्तिशाली मंत्र होता है ये, इसे और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए आप मंत्र जाप के समय एक कटोरी जल में गंगाजल में मिलाकर साथ रखें और जब एक माला जाप पूरा हो जाए तो यह जल सभी परिवार के सदस्यों को थोड़ा थोड़ा पिलाकर बचा हुआ जल पूरे घर में छिड़के।
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ऐसा अगर आप रोज करते हैं तो आपको इसके चमत्कारी प्रभाव अनेकों बार देखने को मिलते रहेंगे। (आजकल जो महामारी चल रही है उसे रोकने के लिए भी आप और हमें इसकी सहायता लेनी चाहिए। बहुत से लोग मिलकर जब इस मंत्र का उच्चारण करते हैं तो इसकी स्वरनाद तरंगें उठने लगती है जो बातावरण में शामिल होकर सूक्ष्म से सूक्ष्म विषाणुओं को मारने की क्षमता रखतीं हैं।)
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अगर घर के सभी सदस्य मिलकर इस मंत्र का जप करते हैं तो आपका घर सकारात्मकता से भर जायेगा और आपके घर को किसी भी प्रकार की नकारात्मकता छू नहीं पायेगी। महामृत्युंजय मंत्र का लाभ तभी मिलता है जब इसे संपुट के साथ और हृदय से जपा गया हो। इस मंत्र की महिमा तो अनंत है जिसे बताया नहीं महसूस किया जा सकता है। हे प्रभु फिर भी जाने अनजाने में मुझसे कोई भूल हो गई हो तो क्षमा करें।
संकलन— पं. रामपाल भट्ट, भीलवाड़ा