महाशिवरात्रि के विशेष मुहूर्त पर पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन, निकट मृगनयनी चौक, पूर्वी दिल्ली में ज्योतिषाचार्यों द्वारा कल्याण कारी कालसर्प दोष, ग्रहण दोष, गुरु चाण्डाल दोष आदि निवारण अनुष्ठान शिविर ‘प्रणव ज्योतिष केंद्र’ M10, A/1, दिलशाद गार्डन, निकट मृगनयनी चौक, पूर्वी दिल्ली-110095 पर आयोजित होने जा रहा है। इस अवसर पर जन्मकुंडली, हस्तरेखा एवं टैरो कार्ड द्वारा विश्लेषण नि:शुल्क किया जायेगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ.प्रणव कुमार शास्त्री ने बताया फाल्गुन कृष्ण चतुर्दर्शी को महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि भगवान शिव का दिन माना जाता है शिव का अर्थ है कल्याण। महाशिवरात्रि पूर्णरूपेण भगवान शिव जी को समर्पित होती है। अतः महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष, पितृदोष आदि दोषों की शांति विधान करने से इच्छित सुख की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि इन दोषों के पूजन के लिए विशेष मानी जाती है। अत: इस दिन इन दोषों को दूर करने के लिए ज्योतिषीय उपाय अवश्य करने चाहिए।
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ज्योतिषाचार्य श्री सागर के अनुसार कालसर्प दोष कष्टकारक एवं ऐश्वर्यदायक है। राहु और केतु के बीच में या इनके प्रभाव में सारे ग्रह आ जाते है तो कालसर्प दोष बनता है। राहु को साँप का मुख और केतु को पूंछ माना गया है। इस योग कि विशेषता यह है कि कालसर्प योगियों का जन्म निश्चित रूप से कर्म भोग के लिए होता है। यदि राहु या केतु के साथ सूर्य और चन्द्र भी हो तो ग्रहण कालसर्प योग बनता है। यह योग अधिक कष्टदायक होता है। इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में इसकी शान्ति अनुष्ठान करना अत्यधिक आवश्यक हो जाता है। राहु व केतु की दशा आने पर भी इसका प्रभाव तेज हो जाता है।
ज्योतिष के अनुसार चतुर्दर्शी तिथि के स्वामी भगवान शिव है। इसलिए शास्त्रों में इसे परम शुभदायी कहा गया है। जिस जातक के जीवन पर कालसर्प दोष का प्रभाव होता है उसका जीवन संघर्ष पूर्ण रहता है। उस जातक का जीवन अति कष्टकारक व दुखदायी होता है। वह दिन रात मेहनत करता है, परन्तु सफलता नहीं मिलती। घर में कलह अशांति का वातावरण रहता है। इसकी शान्ति अनुष्ठान कराने के बाद जातक के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति एवं आनद की प्राप्ति होती है। इन निवारण यज्ञों में पूजन निवारण कराकर आज हजारों जातक सुखमय और ऐश्वर्यपूर्ण जीवन यापन कर रहे है।
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राखी शर्मा जी जो कि हस्तरेखा और टैरो कार्ड विशेषज्ञ है, ने बताया कि जिन लोगों के पास अपना जन्म तारीख और जन्म समय उपलब्ध नहीं है वो सभी हस्तरेखा और टैरो कार्ड के माध्यम से अपनी समस्याओं के निवारण के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। जन्मकुंडली, हस्तरेखा एवं टैरो कार्ड विश्लेषण शिविर : दिनांक 06 मार्च 2021 से 09 मार्च 2021 तक
जन्मकुंडली प्रात: 11:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक देखी जायेगी। कृपया समय लेकर मिले। समय लेने के लिए आचार्य डा. प्रणव कुमार शास्त्री 98736 56244 तथा आचार्य सागर जी 9810564565 से संपर्क किया जा सकता है।