आचार्य डा. संजीव अग्रवाल
भारतीय संस्कृति के हिंदू धर्म में बिंदी को सुहाग का प्रतीक माना गया है। बिंदी सिर्फ सुंदरता ही नहीं बढ़ाती, यह मनोबल भी बढ़ाती है, केवल शृंगार का ही साधन नहीं, बल्कि इसे लगाने के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। भृकुटि, भृकुटी, भौं, भौंह आइब्रो (EYEBROW)
आजकल बाज़ार में अनेक प्रकार व अनेक रंगों की बिन्दी मिलती हैं। कुमकुम व सिंदूर आदि की भी बिन्दी लगायी जाती है, इसे दोनों भौहों के बीच में लगाया जाता है। कहा जाता है कि इससे एकाग्रता बढ़ती है, आज्ञा चक्र मस्तक के मध्य में, भौंहों के बीच स्थित है, इस कारण इसे “तीसरा नेत्र” भी कहते हैं, आज्ञा चक्र स्पष्टता और बुद्धि का केन्द्र है।
यह मानव और दैवी चेतना के मध्य सीमा निर्धारित करता है, आज्ञा चक्र यानी दोनों भौहों के बीच का भाग। मित्रों, सामान्यता मान्यता है कि महिलाओं का मन अति चंचल होता है, हार्वर्ड यूनीवर्सिटी द्वारा किए गए अनुसंधान में ऐसा साबित भी हुआ है तो बिन्दी नारी के चंचल मन को नियंत्रित करती है, यह भाग सभी के मन को नियंत्रित करता है।
हम जब भी ध्यान लगाते हैं तब हमारा ध्यान यहीं केंद्रित होता है, मन को एकाग्र करने के लिए इसी चक्र पर दबाव दिया जाता है। इसलिए बिंदी भौहों के बीच लगाई जाती है।
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इसके अलावा आज्ञा चक्र पर बिंदी लगाने की और भी फायदे हैं। यह ३ प्रमुख नाडिय़ों, इडा (चंद्र नाड़ी) पिंगला (सूर्य नाड़ी) और सुषुम्ना (केन्द्रीय/मध्य नाड़ी) के मिलने का स्थान है, जब इन तीनों नाडिय़ों की ऊर्जा यहाँ मिलती है और आगे उठती है, तब हमें समाधि, सर्वोच्च चेतना प्राप्त होती है, बिन्दी इस संतुलन को बनाए रखने मैं महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, पुरुष वर्ग बिन्दी के स्थान पर चन्दन या रोली आदि का टीका लगाते हैं।
बिंदी लगाने से सुनने की शक्ति बढ़ती है। चेहरे की नसों में से एक नस कान की तंत्रिका से जुड़ती है, जो आपके सुनने की शक्ति को बेहतर करती है। इसलिए इस चक्र पर दबाव बनने या बनाने से आपके सुनने की शक्ति व रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
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बिंदी लगाने से सिरदर्द की समस्या कम सताती है, वास्तव में एक्युप्रेशर दबाकर चिकित्सा करने की पद्धति के सिद्धांतों के अनुसार अगर आपको सिर में दर्द हो रहा हो, तो इस चक्र पर मालिश करने से या दबाव डालने से नसें और रक्त वाहिकाएँ तनाव मुक्त हो जाती है और सिर दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
बिंदी लगाना आँखों की निरोगता फायदे के लिए बहुत अच्छा होता है, दरअसल आज्ञा चक्र सीधे आँखों की माँसपेशियों और त्वचा से जुड़ता है, जिससे आपकी आँखें चारों ओर दिशाओं में घूमती हैं, यह चक्र आपकी आँखों की रोशनी को बढ़ाता है जिससे आप अधिक स्पष्ट रूप से वस्तुओं को देख सकें।
बिन्दी झुर्रियों को दूर कर देती है ।बिंदी लगाना त्वचा के लिए भी लाभप्रद है, आज्ञा चक्र का महत्त्व त्वचा को टाइट रखने और झुर्रियाँ दूर करने के लिए भी माना जाता है, इस पर दबाव से रक्त संचार तेज होता है और त्वचा लंबे समय तक टाइट रहती है, चेहरे व शरीर में झुर्रियाँ नहीं पड़ती हैं।
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बिंदी लगाने से चेहरे पर लकवा आने की संभावना कम हो जाती है, क्योंकि बिंदी लगाने पर इस पॉइंट पर दबाव पड़ता है, आज्ञा चक्र पर मालिश करने से बैल परैलिसिस यानि चेहरे के एक हिस्से में लकवा मार जाने से बचाता है।
आयुर्वेद के पंचकर्म में भी इस चक्र का जिक्र मिलता है, पंचकर्म में 40-60 मिनट के लिए माथे पर औषधीय तेल या पानी इस चक्र पर टपकाया जाता है, जिससे चेहरे की नसों को आराम मिलता है।
बिंदी लगाने से मस्तिष्क ठंडा रहता है। बिंदी की सही जगह आज्ञा चक्र पर ही है। आयुर्वेद में माना गया है कि इस चक्र पर हल्के दबाव से मानसिक अशान्ति और घबराहट में आराम/मदद मिलता है या यूँ कहें कि यह होते ही नहीं।
बिंदी लगाने से गहरी नींद आती है, इसे लगाने वाले चैन की नींद सोते हैं, शिरोधरा विधि से इस बिंदु पर दबाव बनाकर अनिद्रा की समस्या दूर की जाती है ।
अधिकांश स्त्री-पुरुष तो अपनी आइब्रो के बीच की रेखा(लाइन्स) को लेकर ही परेशान रहते हैं, यदि आप इन लाइन्स से छुटकारा चाहते हैं तो रोज दिन में एक बार इस चक्र के ऊपर मालिश करें या बिन्दी , टीका रूप दबाव डालें, धीरे-धीरे रेखा कम हो जाएँगी।