लखनऊ। एक ओर जहां इस वक्त पूरा देश और प्रदेश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर यूपी की राजधानी लखनऊ में काकोरी सामुदायिक केंद्र के तहत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहगंज में तैनात लैब सहायक के सहायक महानिदेशालय से अटैच होने के कारण क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा जांच संबंधी कई जरुरी कार्य भी अधर में लटके हुए हैं।
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मामला जनपद लखनऊ के काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहगंज काकोरी मे तैनात सहायक लैब टैक्नीशियन सुनीता को करीब 8 वर्ष अधिक समय से स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के रीजनल लैब से अटैच कर दिया गया था, जबकि मूल वेतन स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहगंज से आहरित होता है। सुनीता मूल पोस्टिंग की जगह ड्यूटी नहीं कर रही है। आपको बता दें कि काकोरी क्षेत्र में करोना संक्रमण काल में कई लोगों की असामयिक मृत्यु हो चुकी है।
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले कई गांव में वैक्सीनेशन, कोविड सैंपल जांच से संबंधित बुखार डेंगू खून जांच आदि जैसी कई जांचें लैब में एलए के न होने से अधर में लटकी रहती और लैब बंद रहती है। जिससे आसपास के क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। क्षेत्र के रोगी अपनी जांच प्राइवेट पैथोलॉजी में करवाने को मजबूर हैं। कई बार ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ केंद्र काकोरी अधीक्षक को भी इसकी जानकारी दी और सीएमओ लखनऊ को भी अवगत कराया। इसके अलावा एडी हेल्थ लखनऊ मंडल महानिदेशक कार्यालय प्रमुख सचिव कार्यालय को भी अवगत कराया जा चुका है। कई बार संस्तुतियां लिख कर भेजी जा चुकी परंतु शासनादेश ठंडे बस्ते में डाल दिये जाने के कारण इसका परिणाम शून्य है और क्षेत्रीय जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। नियम विरुद्ध अटैचमेंट व्यवस्था जनता का जनपद में बैठे अधिकारियों पर काफी रोष है।