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— जन्मकुंडली में किसी एक भाव में राहू एवं सूर्य की युति हो तो सूर्य ग्रहण योग बनता है।
— सूर्य द्वारा बनने वाला ग्रहण योग पिता सुख में कमी करता है।
— जातक का शारीरिक ढांचा कमजोर रह जाता है।
— आँखों व ह्रदय सम्बन्धी रोगों का कारक बनता है।
— सरकारी और प्राइवेट नौकरी मिलने में परेशानी हो सकती है।
— यह पूजन महाकाल की नगरी उज्जैन में संपन्न कराया जाता है।
— इस पूजन के बारे में अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें— 09720306060
Description
जन्मकुंडली में किसी एक भाव में राहू एवं सूर्य की युति हो तो सूर्य ग्रहण योग बनता है।
सूर्य द्वारा बनने वाला ग्रहण योग पिता सुख में कमी करता है।
जातक का शारीरिक ढांचा कमजोर रह जाता है। आँखों व ह्रदय सम्बन्धी रोगों का कारक बनता है।
सरकारी नौकरी मिलने में परेशानी हो सकती है या तो मिलती नहीं या उसको निभाना कठिन होता है।
विभागीय जांच, सजा, जेल, पदोन्नति में रुकावट आदि सब इसी दोष का परिणाम है।