रावण संहिता

बेशुमार धन प्राप्ति के चमत्कारी उपाय जो आप स्वयं कर सकते हैं

लंकाधिपति रावण प्रकांड पंडित था और उसने ज्योतिष-तंत्र से जुड़े गुप्त रहस्य बताने वाले ग्रंथ रावण संहिता की रचना की थी। इस ग्रंथ में ऐसे चमत्कारी उपाय बताए गए हैं, जिनसे कोई भी व्यक्ति दूसरों को सम्मोहित कर सकता है और धन से जुड़ी बाधाओं को दूर कर सकता है। यहां जानिए रावण संहिता के उपाय–

1- सफ़ेद आंकड़े के फूल को छाया में सूखा लें, इसके बाद सफ़ेद गाय के दूध में मिलाकर इसे पीस ले और इसका तिलक लगाए। ऐसा करने पर व्यक्ति का सम्मोहन और वर्चस्व बढ़ता है।
2- यदि दूर्वा को कपिला गाय यानी सफ़ेद गाय के दूध के साथ पीस कर रोज इसका तिलक लगाया जाये तो व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है एवं सभी लोग उसकी बात मानते है।
3- अपामार्ग (आंधीझाड़ा) के बीज को बकरी के दूध में मिलाकर पीस कर लेप बना लें, इस लेप का तिलक लगाने से व्यक्ति का समाज में आकर्षण बाद जाता है और सभी लोग बातें भी मानते है।
4- बिल्वपत्र और बिजौरा निम्बू (निम्बू का एक प्रकार) लेकर उसे बकरी के दूध में मिलाकर पीस लेंं। इसके बाद इससे तिलक लगाए, ऐसा करने से आकर्षण बढ़ता है।

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धन प्राप्ति का उपाय
किसी भी शुभ मुहूर्त में या किसी शुभ दिन में सुबह जल्दी उठें। इसके बाद नित्यकर्मों से निवृत्त होकर किसी पवित्र नदी या तालाब के किनारे जाएं। किसी शांत एवं एकांत स्थान पर वट वृक्ष के नीचे चमड़े का आसन बिछाएं। आसन पर बैठकर धन प्राप्ति मंत्र का जप करें।

धन प्राप्ति का मंत्र:
ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा।

इस मंत्र का जप आपको 21 दिनों तक रोज सुबह करना चाहिए। मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें। 21 दिनों में अधिक से अधिक संख्या में मंत्र जप करें। यह मंत्र सिद्ध होने के बाद धन लाभ के योग बन सकते हैं।

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धन की बाधाएं दूर करने के लिए
यदि किसी व्यक्ति को धन प्राप्त करने में बार-बार बाधाएं आ रही हैं तो उसे यहां बताया जा रहा उपाय 40 दिनों तक रोज करना चाहिए। उपाय अपने घर पर ही किया जा सकता है। उपाय के अनुसार धन प्राप्ति मंत्र का जप रोज 108 बार करना है।
मंत्र:

ऊँ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा।

इस मंत्र का जप नियमित रूप से करने पर कुछ ही दिनों में महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो जाएगी और आपके धन में आ रही बाधाएं दूर होने लगेंगी।

कुबेर देव को प्रसन्न करने के लिए
यदि आप देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर की कृपा से धन पाना चाहते हैं तो यह उपाय करें। उपाय के अनुसार यहां दिए जा रहे मंत्र का जप तीन माह तक रोज करना है। प्रतिदिन मंत्र का जप केवल 108 बार करें।
मंत्र:

ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।

मंत्र जप करते समय अपने पास धनलक्ष्मी कौड़ी रखें। जब तीन माह हो जाएं तो यह कौड़ी अपनी तिजोरी में या जहां आप पैसा रखते हैं, वहां रखें। इस उपाय से पैसों की कमी दूर हो सकती है।

नोट— यह लेख जानकारी मात्र है, किसी भी उपाय पर पहल करने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी या पंडित से सलाह कर लें।

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महेश कुमार शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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