मित्रों नमस्कार। हिन्दी कैलेंडर के अनुसार नया साल प्रारंभ होने वाला है। इसे ही नव संवत या सवंत्सर कहते हैं। जिस तरह से किसी देश प्रदेश प्रदेश की सरकार चलाने के लिए एक मंत्रीमंडल की जरुरत होती है, उसी प्रकार नवग्रहों में भी मंत्रिमंडल की व्यवस्था है। ग्रहों का यह मंत्रीमंडल पूरे संसार को संचालित करता है।
आइए, जानते हैं वर्ष 2021 में ग्रहों का मंत्रिमंडल कैसा होगा? आनंद नामकीय संवत्सर 2078 के प्रारंभ होते ही निम्न मंत्रिमंडल अपना कार्यभार लेकर विश्व का संचालन प्रारंभ करेगा।
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राजा-
नवीन संवत्सर 2078 में राजा या प्रधानमंत्री मंगल ग्रह होंगे, जो मंत्रिमंडल के प्रमुख होंगे। मंगल के राजा होने से विश्व में युद्ध का भय होगा। जनता में सरकारों के प्रति विद्रोह होगा। महामारी एवं बीमारी में वृद्धि होगी। धन-धान्य की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। वर्षा कम होने के कारण दुर्भिक्ष की आशंका होगी।
मंत्री-
देश की सरकार में जिस प्रकार गृहमंत्री को सरकार में द्वितीय स्थान दिया जाता है, उसी प्रकार ग्रहों के मंत्रिमंडल में यह भूमिका मंत्री की होती है। नवीन संवत्सर 2078 में मंगल मंत्री भी होंगे। मंगल के मंत्री होने से विश्व में अराजकता में वृद्धि होगी। पशुधन की हानि होगी। रोग एवं महामारी के कारण प्रजा पीड़ित रहेगी।
वित्तमंत्री-
देश के संचालन हेतु वित्त की व्यवस्था करना वित्तमंत्री की जिम्मेवारी होती है। ग्रहों के मंत्रिमंडल में यह कार्य धनेश करते हैं। नवीन संवत्सर 2078 में धनेश का यह पद शुक्र के पास है। नए वर्ष में शुक्र धनेश होंगे। शुक्र के धनेश होने से विश्व में रोजगार बढ़ेगा, व्यापारियों को लाभ होगा। जनता को धन-धान्य का लाभ होगा।
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रक्षामंत्री-
जिस प्रकार देश की सरकार में कभी-कभी 1 मंत्री 2 मंत्रालय संभालता है, उसी प्रकार ग्रहों के मंत्रिमंडल में भी ऐसा होता है। इस वर्ष में दुर्गेश भी मंगल होंगे, जो इस वर्ष राजा और मंत्री भी हैं। मंगल के दुर्गेश होने से विश्व में अर्थव्यवस्था कमजोर होगी। भय व पीड़ा का वातावरण बनेगा। व्यापार की हानि होगी। देशों में परस्पर वैमनस्य की भावना बलवती होगी।
कृषि/खाद्य—
नए वर्ष में कृषि/खाद्य मंत्री सूर्य होंगे। सूर्य के रसद होने से खाद्य पदार्थों का नाश होगा। कहीं-कहीं सूखा पड़ेगा। जनता रसयुक्त पदार्थों से वंचित रहेगी। दूध, दही, फलों के रसों के दाम बढ़ेंगे।