नई दिल्ली। लाल किताब ज्योतिष का ही एक अंग है। लाल किताब में कई ऐसे उपायों की जानकारी दी गई है, जिनको करने से जातक अपनी कुंडली के दोष, ग्रह दोष समेत अन्य समस्याओं का सरलता से समाधान कर सकता है। लाल किताब के अनुसार अक्सर लोगों को दही से स्नान करने का परामर्श दिया जाता है। आखिर क्यों दही से स्नान किया जाता है। आइए जानते पांच फायदें…
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क्यों करते हैं दही स्नान
लाल किताब के अनुसार यदि शुक्र पहले, पंचवें, आठवें और दसवें भाव में हो तो माना जाता है कि शुक्र मंदा है। मंदा शुक्र सभी तरह की सुख और सुविधाओं का नाश कर देता है। पत्नी से भी संबंध ठीक नहीं रहते हैं। शुक्र के साथ राहु या मंगल है तो भी शुक्र मंदा हो जाता है।
कैसे और कब करते हैं दही स्नान
जातक को प्रति शुक्रवार को अच्छे से दही से स्नान करना चाहिए। दही से सभी छिद्रों को साफ करना चाहिए। स्नान करने के लिए लकड़ी के पाट पर बैठें। शुक्रवार का व्रत रखें और इस दिन खटाई न खाएं।
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क्या फायदा होगा इससे
1. दही स्नान करने से मंदा शुक्र उत्तम फल देगा।
2. इसे त्वचा रोग समाप्त हो जाता हैं। शुष्क त्वचा मुलायम बन जाती है।
3. दही में इत्र डालकर नहाने से आपकी संपत्ति में बढ़ोतरी होगी।
4. ऐसा माना जाता है कि गुप्तांगों पर दही लगाकर स्नान करने से गुप्त रोग समाप्त हो जाते हैं।
5. दही स्नान करने से जातक पत्नी सुख और वैभव प्राप्त करता है।