Why पुराने जमाने में बच्चों की कमर पर काले या लाल रंग का सूती करदौड़ा/करधनी बाँधा जाता था जो कि फैशन के इस दौर में पूरी तरह विलुप्त हो चुका हैं। बच्चों पर ऊपर की नजर बहुत जल्दी लगती है यही कारण हैं कि हम बच्चों को काजल लगाते है, जो भी ये नजर ना लगने वाली बात नहीं मानते है उनसे कभी सवाल पूछना कि वो अपने बच्चें को काला काजल/सूरमा ही क्यों लगाते है, सफ़ेद सूरमा क्यों नही ??
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बच्चों का खानपान बचपने से भरा होता है अर्थात बिस्कुट हाथ में लेकर कही भी, किसी के भी सामने खाना आदि..आजकल विवाह के बुफे सिस्टम में तो माँ थाली भर-भरकर बच्चों के साथ बैठती हैं तभी अन्य रिश्तेदारो की नजर भी बार-बार भोजन कर रहे बच्चों पर पड़ती हैं और बाद में या तो बच्चों की तबियत बिगड़ जाती है या फिर वो कुछ दिन खाना कम खाते है/छोड़ भी देते हैं।कमर में बंधा काला धागा, मणिपुर चक्र को छूता रहता है जिससे वो इन सब बुरी नजरों से बच्चें की रक्षा करता हैं।
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इसके अलावा कमर पर काला धागा बांधने से हमारे शरीर के कई अंगो को इससे फायदा मिलता है। कमर पर काला धागा बांधने से नकारात्मक ऊर्जा हमसे दूर रहती है और इस काले धागे से नाड़ी खिसकने का खतरा भी नहीं रहता है। काला धागा हमारे शरीर की नाड़ी को छटकने से भी बचाता है।
कई बार कुछ गर्भवती महिलाओं की बार-बार शिकायत रहती है कि उनका गर्भ अपने आप खराब हो जाता है। हमारी बुजुर्ग माताये इसका कारण जानती थी पर आधुनिक फैशनेबल बहुये बुरी नजर को नहीं मानती सिर्फ दवा के चक्कर में पैसा और स्वास्थ्य खराब करती हैं। बार-बार गर्भ खराब होने पर आपको काला या लाल धागा कमर में बाँधना चाहिये। काला धागा शनिदेव को तो लाल धागा बजरंगबली से जुड़ा होता है जो कितनी भी बुरी नजर को टालने के काम करता हैं।
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यदि कोई बहुत अधिक आलसी हो तो अपनी लंबाई के बराबर काला धागा लेकर शनिवार के दिन शाम को 7 बजे पश्चिम दिशा की ओर मुँह करके अपने बाये पैर में बाँधकर देखिये, जबरदस्त फ़ायदा होगा।
कोई भी उपाय करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले I