tarot card reading : टैरो वास्तव में चित्रों के माध्यम से भविष्य जानने की कला है। जिस तरह से हाथों की रेखाओं या कुंडली के द्वारा ज्योतिष शास्त्र में भविष्य जाना जाता है। tarot card reading : उसी तरह यह विधा संकेत, चित्र, अंक, रंग ज्योतिष तथा पाँच तत्व जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी और आकाश आदि के द्वारा मानव जीवन की उलझनों को सुलझाने में सहायक है। यह विधा एक साथ अंकशास्त्र, रंग चिकित्सा तथा ज्योतिष का कॉम्बिनेशन है। इसमें हर रंग, चित्र और अंक का एक निश्चित अर्थ है।
कैसे जाना जाता है भविष्य : tarot card reading
टैरो कार्ड विधा के अनुसार हमारा भविष्य हमारे ही अवचेतन(सबकॉंशस) में फीड होता है।जैसे गीता के अनुसार हम सबके मन में एक संकल्प होता है और हम उसे अवश्य पूरा करते हैं। वैसे ही टैरो कार्ड कहता है कि हमारा भविष्य हमारे ही भीतर सुरक्षित है, हमें बस उसे पढ़ना है।
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यह एक ब्रिज है जिसके द्वारा आप अपने सबकॉंशस से जुड़ते हैं। भारतीय परिप्रेक्ष्य में यह विधा आध्यात्मिकता से जुड़ कर और अधिक विश्वसनीय हो जाती है। इस विधा में 22 मेजर कार्ड और 56 माईनर कार्ड होते हैं। इनमें 14-14 के सेट होते हैं। यह सेट पानी, आग और वायु आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कितने प्रतिशत सही होती है tarot card reading
यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रश्नकर्ता की मन:स्थिति कितनी अनुकूल है। अगर कार्ड उठाते समय कोई परेशानी है, संदेह या उद्वीग्नता है तो कार्ड भी कन्फ्यूजिंग आ सकता है। जरूरी है कि कार्ड पिक करते समय व्यक्ति एकदम ब्लैंक यानी कोरे कागज की तरह हो। बिना किसी आशंका और पूर्वाग्रह के पवित्र भाव से पूछे गए प्रश्नों का उत्तर 90 प्रतिशत सही होता है।
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किन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होती है tarot card reading
जीवन के किसी भी क्षेत्र के लिए उपयुक्त हो सकती है। खासकर जब आपकी निर्णय क्षमता कमजोर हो रही हो तब यह आपके सही रास्ता चुनने में मददगार साबित होती है। अक्सर दोराहे पर खड़े होकर हमें यह नहीं समझ आता कि हम किस राह को अपनाए तब टैरो आपकी उलझन दूर करता है। क्रिकेट मैच, जुआ सट्टा आदि में शत-प्रतिशत भविष्यवाणी की गारंटी नहीं होती। क्योंकि 11 लोगों की ऊर्जा एक साथ नहीं पढ़ी जा सकती है। हाँ, इतना अवश्य है कि किसी खिलाड़ी-विशेष का प्रदर्शन कैसा रहेगा, यह बताया जा सकता है।
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क्या कहता है इतिहास tarot card reading
यह विधा इजिप्ट से आई है। जहाँ चित्रलिपियों और सांकेतिक भाषा के आरंभिक चिन्ह मिलते हैं। बाद में चीन-भारत तथा इटली-युरोप इस विधा के मुख्य वाहक रहे। भारत में विधिवत आगमन 19 वीं शताब्दी में कहा जा सकता है। यूरोप में एक सभा में चित्रकार, ज्योतिषी, भाषाविद् और पुरातत्वेत्ता एकत्र हुए और इस विधा का नवीनीकरण हुआ। ‘गोल्डन डॉल’ सबसे पहला टैरो कार्ड था।
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टैरो से सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न : tarot card reading
इसके प्रति युवा वर्ग में जबर्दस्त आकर्षण है। लव लाइफ और करियर से संबंधित प्रश्न सबसे ज्यादा पूछे जाते हैं। क्योंकि टैरो बताता है कि आपका पहला कदम सही है या गलत। हम सभी जानते हैं कि जीवन में इस पहले कदम का ही महत्व होता है।
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