shanidev : जीवन में हर एक व्यक्ति को कभी न कभी शनि shanidev की साढ़ेसाती से जरूर गुजरना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को तमाम शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्ट उठाने पड़ते हैं। कहा जाता है कि पापियों को साढ़ेसाती के दौरान शनि काफी कठोर दंड देते हैं। वहीं शनिदेव के बारे में ये भी कहा जाता है कि उनसे कभी नजरें नहीं मिलानी चाहिए क्योंकि उनकी दृष्टि वक्री है, जो व्यक्ति के पूरे जीवन को बर्बाद कर सकती है।
समस्या है तो समाधान भी है, विद्वान ज्योतिषी से फ्री में लें परामर्श
लेकिन मथुरा के नंदगांव में शनिदेव (mathura ke shanidev) का ऐसा सिद्ध मंदिर है जहां शनिदेव की वक्र दृष्टि का असर नहीं होता है। साथ ही मान्यता है कि साढ़ेसाती के कष्टों को झेल रहा व्यक्ति यदि सात शनिवार को यहां आकर शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाएं तो उस पर से शनिदेव का प्रकोप खत्म हो जाता है। वहीं अन्य लोगों के जीवन में चल रही तमाम परेशानियां शनिदेव के दर्शन मात्र से ही दूर हो जाती हैं। इस मंदिर को कोकिलावन धाम के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण ने शनिदेव को कोयल के रूप में दर्शन दिए थे। जानिए इस मंदिर से जुड़ी तमाम मान्यताएं…
गरीबी का कारण बनती हैं ये चीजें, भूलकर भी न रखें घर में : Vastu Tips
ये है मान्यता : mathura ke shanidev
कहा जाता है कि शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त थे। द्वापरयुग में जब श्रीकृष्ण वृंदावन में अपनी बाल लीलाएं कर रहे थे तो सभी देवता देव लोक से भगवान के बाल रूप के दर्शन करने वृंदावन आए थे। उस समय शनि भी अपने आराध्य के दर्शन के लिए वहां पहुंचे, लेकिन वक्र दृष्टि होने के कारण उन्हें श्रीकृष्ण के दर्शन करने से रोक दिया गया। तब शनिदेव तक श्रीकृष्ण ने संदेश पहुंचाया कि वे नंद गांव के पास वन में उनकी तपस्या करें, वहीं उन्हें श्रीकृष्ण के दर्शन होंगे।
ऐसे खुलेगा बंद किस्मत Fortune का ताला, होंगे मालामाल
इसके बाद शनिदेव ने वहां तपस्या की, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें कोयल के रूप में वहां दर्शन दिए। साथ ही शनिदेव से कहा कि वे अब यहीं ठहर जाएं। अपने आराध्य की आज्ञा मानते हुए शनि वहीं विराजमान हो गए। इसके बाद श्रीकृष्ण ने कहा कि आज से ये स्थान कोकिलावन धाम के नाम से जाना जाएगा और जो भी यहां आकर शनिदेव के दर्शन करेगा, उस पर कभी शनि की वक्र दृष्टि नहीं पड़ेगी। साथ ही भक्तोंं के जीवन के सारे कष्ट दूर होंगे। इस मंदिर में शनिदेव के साथ बायीं ओर श्रीकृष्ण और राधारानी भी विराजमान हैं।
सावन में चमकेगा सोया हुआ भाग्य, अपनी राशि के अनुसार करें पूजा : Savan 2021
शनिवार के दिन होती है काफी भीड़ : mathura ke shanidev
शनिदेव के इस मंदिर में शनिवार के दिन खासी भीड़ होती है। दूर दूर से भक्त यहां आकर पहले कोकिलावन की सवा कोस की परिक्रमा करते हैं, फिर सूर्य कुंड में स्नान करके शनिदेव की पूजा करते हैं। माना जाता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना शनिदेव पूरी करते हैं। इसी विश्वास के साथ तमाम भक्त अपनी तमाम समस्याओं को दूर करने की फरियाद लेकर कोकिलावन धाम आते हैं।
ज्योतिष के चमत्कारी उपाय, फ्री सर्विस और रोचक जानकारी के लिए ज्वाइन करें हमारा टेलिग्राम चैनल
Google News पर हमसे जुड़ने के लिए हमें यहां क्लीक कर फॉलो करें।
ज्योतिष, धर्म, व्रत एवं त्योहार से जुड़ी ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर @ganeshavoice1 पर फॉलो करें।