Lakshmi Puja Timing : दिवाली 2021 लक्ष्मी पूजा विधि, मुहूर्त, समय दिवाली पूजन शुभ मुहूर्त में करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति दिवाली वाले दिन विधि विधान महालक्ष्मी की पूजा करता है उसके जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। लेकिन कोई भी पूजा पाठ अगर शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उससे मिलने वाला फल दोगुना हो जाता है। यहां आप जानेंगे नई दिल्ली, पुणे, गुरुग्राम, नोएडा, पटना, अहमदाबाद समेत अन्य शहरों में दिवाली पूजन का कौन सा मुहूर्त रहेगा सबसे शुभ और क्या है लक्ष्मी पूजा की विधि।
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दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या तिथि की शुरुआत 4 नवंबर को सुबह 06:03 बजे से हो रही है और इसकी समाप्ति 5 नवंबर को 02:44 AM पर होगी। लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:09 बजे से शुरू होकर रात 08:04 बजे तक रहेगा। यानी इस मुहूर्त की कुल अवधि 01 घण्टा 56 मिनट की है।
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चौघड़िया पूजा मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 06:35 AM से 07:58 AM
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 10:42 AM से 02:49 PM
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 04:11 PM से 05:34 PM
सायाह्न मुहूर्त (अमृत, चर) – 05:34 PM से 08:49 PM
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 12:05 AM से 01:43 AM, 05 नवम्बर तक
शहरों में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त:
नई दिल्ली 06:09 PM से 08:04 PM
नोएडा 06:08 PM से 08:04 PM
पुणे 06:39 PM से 08:32 PM
जयपुर 06:17 PM से 08:14 PM
चेन्नई 06:21 PM से 08:10 PM
गुरुग्राम 06:10 PM से 08:05 PM
हैदराबाद 06:22 PM से 08:14 PM
चण्डीगढ़ 06:07 PM से 08:01 PM
मुम्बई 06:42 PM से 08:35 PM
कोलकाता 05:34 PM से 07:31 PM
बेंगलूरु 06:32 PM से 08:21 PM
अहमदाबाद 06:37 PM से 08:33 PM
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दिवाली 2021 पूजा सामग्री
लकड़ी की चौकी, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां/चित्र, चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला कपड़ा, कुमकुम, हल्दी, चंदन, रोली, अक्षत, साबुत नारियल अपनी भूसी के साथ, पान और सुपारी, अगरबत्ती, दीपक के लिए घी, पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक, कपास की बत्ती, पंचामृत, गंगाजल, कलश, पुष्प, फल, आम के पत्ते, जल, कपूर, कलाव, साबुत गेहूं के दाने, दूर्वा घास, धूप, जनेऊ, दक्षिणा (नोट और सिक्के), एक छोटी झाड़ू, आरती थाली।
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लक्ष्मी पूजन सरल विधि
– दिवाली वाले दिन भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, देवी सरस्वती की पूजा होती है।
– दिवाली वाले दिन लक्ष्मी पूजा से पहले घर को अच्छे से सजा लें।
– घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं।
– तोरण द्वार में सजाएं और दरवाजे के दोनों तरफ शुभ-लाभ और स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।
– शाम के समय शुभ मुहुर्त में दिवाली पूजन की तैयारी करें।
– पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछा लें।
– चौकी पर गंगाजल का छिड़काव करें और उस पर देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश, माता सरस्वती और कुबेर देवता की मूर्ति स्थापित करें।
– चौकी के पास जल से भरा कलश भी रख दें।
– फिर शुभ मुहूर्त में पूजा विधि विधान लक्ष्मी पूजन करें।
– भगवान को फल और मिठाई अर्पित करें।
– धूप दीप जलाकर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती उतारें।
– घर के सभी हिस्सों में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
– एक बड़ा सरसों के तेल का दीपक और एक घी का दीपक पूजा स्थान पर जलाएं।
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दिवाली पूजा मंत्र
मां लक्ष्मी मंत्र-
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र-
ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
कुबेर मंत्र-
ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दा
इसके बाद मां लक्ष्मी की आरती उतारे और क्षमा प्रार्थना अवश्य करें।
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