Kumbh Sankranti 2022
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जानिए कब है कुंभ संक्रांति, शुभ मुहूर्त, महत्व और सबकुछ Kumbh Sankranti 2022

Kumbh Sankranti 2022 : सूर्य ग्रह अभी मकर राशि (Kumbh Sankranti 2022) में गोचर कर रहे हैं। (Kumbh Sankranti 2022) दरअसल करीब एक महीने तक सूर्य देव हर राशि में क्रमश: रहते हैं। आपको बता दें कि मकर के बाद वे कुंभ राशि में संचरण करेंगे। जिस समय वे मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, वह सूर्य की कुंभ संक्रांति होगी।

Kumbh Sankranti 2022

Kumbh Sankranti 2022
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आपको बता दें कि सूर्य का कुंभ राशि में गोचर 13 फरवरी दिन रविवार को हो रहा है। उस दिन ही कुंभ संक्रां​ति मनाई जाएगी। साथ ही इस दिन त्रिपुष्कर योग और प्रीति योग का निर्माण भी हो रहा है। जिससे इन दिन का महत्व और बढ़ गया है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पुण्यकाल और महत्व…

शास्त्रों में कुंभ संक्रांति की महिमा वर्णित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ संक्रांति का महत्व पू्र्णिमा, अमावस्या और एकादशी तिथि से ज्यादा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने वाले भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है। कुंभ संक्रांति के दिन दान का भी विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि इस दिन दान करने से कई गुना ज्यादा पुण्य की प्राप्ति होती है।

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कुंभ संक्रांति 2022 शुभ मुहूर्त व महा पुण्य काल

सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश- 13 फरवरी, रविवार सुबह 3 बजकर 41 मिनट पर

वैदिक पंचांग के अनुसार, सूर्य देव का कुंभ राशि में प्रवेश 13 फरवरी को तड़के 03 बजकर 41 मिनट पर होगा। ऐसे में कुंभ संक्रांति का पुण्य काल प्रात: 07 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा, जो दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। कुंभ संक्रांति पुण्य काल का समय 05 घंटा 34 मिनट का होगा, वहीं कुंभ संक्रांति का महा पुण्य काल 07 बजकर 01 मिनट से सुबह 08 बजकर 53 मिनट तक है। महा पुण्य काल की अवधि 01 घंटा 51 मिनट की है।

Kumbh Sankranti 2022
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संक्रांति पर स्नान और दान का महत्व
संक्रांति के दिन नदियों में स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित कर पूजा करने का विधान है। इस ​दौरान आप सूर्य देव के मत्रों का जाप भी कर सकते हैं। साथ ही इस दिन स्नान के बाद सूर्य ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और इस दिन आप गेहूं, धान, कंबल, गरम कपड़े आदि का दान कर सकते हैं।

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maheshshivapress
महेश के. शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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