Jaifal Nutmeg

Jaifal Nutmeg : कई रोगों का अचूक इलाज़ है ‘जायफल’

Jaifal Nutmeg : ‘जायफल’ (Jaifal Nutmeg) प्रकृति द्वारा मानव मात्र को दिया एक ऐसा उपहार है, जो भोजन को स्वादिष्ट (Jaifal Nutmeg) बनाने से लेकर तमाम तरह के रोगों के उपचार में काम आता है। सदाहरित और सुगंधित जायफल के वृक्ष पर लगने वाला फल पकने पर दो भागों में विभक्त हो जाता है। फटे फल के अंदर से जायफल निकलता है और मांसल कवच जावित्री कहलाता है। मतलब यह कि जावित्री के अंदर श्यामल रंग का सिकुड़ा हुआ और तेज गंध वाला अंडाकार जायफल होता है।

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मिरिस्टिका प्रैंग्रेन्स वानस्पतिक नामधारी जायफल (Myristica Prangrance Botanical Named Nutmeg) को अंग्रेजी में नट मेग, फॉल्स एरिल, मैक ट्री आदि, संस्कृत में मालतीफल, ओड़िया में जायफोलो, तेलुगु में जाजीपत्री कहा जाता है। आयुर्वेद में जायफल को औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है। पतंजलि ने भी इसके औषधीय गुणों के बारे में बताया है। तो आइए जानते हैं ‘जायफल’ के औषधीय गुण और रोगोपचार में उपयोग के बारे में –

• जायफल बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) (एलडीएल) और ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) के स्तर को कम करने में सहायता करता है। यह गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के स्तर को बढ़ाने में सहायक है। जायफल के एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) गुण पेरोक्सिडेशन (Peroxidation) को रोकते हैं। अपने इन गुणों के कारण जायफल हृदय को रोगों से बचाकर स्वस्थ रखने में मदद करता है।

• जायफल का सेवन तनाव व अवसाद से बचा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार चिंता या तनाव मुख्य रूप से वात असंतुलन के परिणाम स्वरुप होता है। जायफल वात दोष को नियंत्रित व संतुलित कर चिंता या तनाव के लक्षणों को कम करता है, जिससे व्यक्ति का चित्त प्रसन्न रहता है।

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• जायफल को रक्त शर्करा (मधुमेह)((Diabetes)) के प्रबंधन में भी लाभदायक माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह वात की वृद्धि और खराब पाचन प्रक्रिया के कारण होता है। जायफल का चूर्ण खराब पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करने के साथ इंसुलिन के कार्य में सुधार करता है।जायफल के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मधुमेह से उत्पन्न जटिलताओं को काफी कम कर सकते हैं।

• जायफल को जिगर का रक्षक भी कहा जाता है। जायफल में मौजूद कुछ तत्व शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालते हैं, जिससे लीवर विषाक्तता से मुक्त रहता है। जायफल के सूजन रोधी गुण लीवर को सूजन से बचाते हैं, जिससे लीवर स्वस्थ बना रहता है।

• दांतों पर बैक्टीरियल बायोफिल्म (Bacterial Biofilm) बनने से दांतों में कैविटी बनती हैं। जायफल इस हानिकारक बायोफिल्म को बनने से रोकता है, जिससे दांत स्वस्थ व मजबूत बने रहते हैं। इसके अलावा जायफल में मौजूद तत्व दांतों को सड़न से भी बचाते हैं। दांतो के दर्द और मसूड़े की सूजन को भी जायफल कम करता है।

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• सोने से पहले दूध में जायफल चूर्ण मिलाकर पीने से बहुत अच्छी नींद आती है। यदि छोटे बच्चे को ऊपर का दूध (डिब्बे वाला) हजम नहीं हो रहा हो, तो दूध में आधा भाग पानी और थोड़ा सा जायफल मिलाकर उबाल छानकर पिलाने से बच्चे को दूध हजम होने लगता है।

• यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (urinary Tract Infection) से पीड़ित के लिए जायफल बहुत फायदेमंद होता है। पेशाब में जलन, पेशाब के दौरान खून आने या मूत्र मार्ग संक्रमण की स्थिति में गुनगुने पानी में जायफल मिलाकर सेवन से काफी लाभ होता है।

• जायफल अपने एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से निजात दिलाने में सहायता करता है। गठिया, मांसपेशियों की चोट और सूजन की परेशानी में जायफल बहुत अधिक फायदेमंद माना जाता है।

• जायफल मुहांसों से मुक्ति दिलाकर चेहरे की त्वचा को चमकदार बनाने में सहायक है। जायफल को थोड़े से दूध में घिसकर चेहरे पर इस लेप को लगाने से मुहांसों की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

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• जायफल चूर्ण (1-2 चुटकी) को शहद के साथ भोजन के बाद सेवन करने से अपच की शिकायत दूर होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है। जायफल दस्त को नियंत्रित करने में उपयोगी है। अतिसार (डायरिया) में भी जायफल बहुत ज्यादा फायदेमंद है।

• जायफल का तेल मांसपेशियों के खिंचाव से होने वाले दर्द और जोड़ों की सूजन में बहुत लाभ पहुंचाता है। जायफल तेल का उपयोग अरोमा थेरेपी में भी होता है। यह तेल त्वचा के लिए फायदेमंद है। इसे पानी में मिलाकर स्नान किया जा सकता है।

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विशेष : जायफल की तासीर बहुत गर्म होती है, इसलिए इसका ज्यादा मात्रा में सेवन लाभ के बदले नुकसान पहुंचा सकता है। यह नुकसान आंखों में जलन, चक्कर, सिरदर्द, त्वचा पर लाल-लाल चकत्ते और मुंह सूखने की शिकायत के रूप में सामने आ सकता है। यहां जायफल के गुण तथा रोगों में उपयोग के बारे में विशुद्ध सामान्य जानकारी दी गई है, जिसकी सफलता का हम दावा नहीं करते हैं। नुकसान से बचने व जायफल के गुणों का पूरा लाभ लेने के लिए किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य से संपर्क करें। सामान्य जानकारी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प बिल्कुल नहीं है।

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