Guru Purnima 2021 : आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा कहा जाता है। माना जाता है कि इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। चूंकि गुरु वेद व्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेद का ज्ञान दिया था, इसलिए उन्हें प्रथम गुरू मानते हुए उनकी जन्मतिथि को गुरू पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस बार गुरू पूर्णिमा 23 जुलाई 2021 को सुबह 10:43 बजे से शुरू होकर 24 जुलाई 2021 की सुबह 08:06 बजे तक रहेगी, लेकिन उदया तिथि के कारण इसे 24 जुलाई को मनाया जाएगा। (Guru Purnima 2021)
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ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार गुरू पूर्णिमा (Guru Purnima 2021) के दिन शनिदेव की पूजा का भी विशेष योग बन रहा है। ऐसे में 5 राशि के लोग जो इस समय शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से गुजर रहे हैं, उनके लिए साढ़ेसाती और ढैय्या के कष्टों से मुक्ति पाने का ये विशेष अवसर है। गुरू पूर्णिमा के दिन ऐसे लोग शनिदेव से जुड़े कुछ उपाय करके खुद को तमाम कष्टों से बचा सकते हैं।
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इन राशियों पर चल रही साढ़ेसाती और ढैय्या
ज्योतिष विशेषज्ञों के मुताबिक इस समय तीन राशियां धनु, मकर और कुंभ शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप झेल रही हैं। शनि साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं दो राशियों मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि जब किसी राशि पर ढाई वर्ष का समय लेते हैं तो उसे शनि की ढैय्या कहा जाता है। इस दौरान व्यक्ति को दांपत्य जीवन, लव रिलेशनशिप और करियर आदि में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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इन उपायों से दूर होंगे संकट
1. शनिवार के दिन काले कुत्ते को सरसों का तेल लगी रोटी खिलाएं। अगर काला कुत्ता न मिला तो किसी भी कुत्ते को खिला सकते हैं।
2. जल में काले तिल डालकर महादेव का जलाभिषेक करें। मान्यता है कि शनिदेव महादेव को अपना गुरू मानते हैं। ऐसे में उनकी पूजा करने वालों को वे कष्ट नहीं देते।
3. पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। अगर आसपास कोई शनि मंदिर हो तो एक दीपक वहां भी रखें।
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4. सरसों का तेल, काले तिल, लोहा, काली दाल, काले वस्त्र आदि किसी जरूरतमंद को दान करें।
5. हनुमान महाराज की आराधना करें। कहा जाता है कि हनुमान जी की आराधना करने वाले लोगों को शनिदेव नहीं सताते। आप इस दिन हनुमान जी के समक्ष दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
6. पीपल के पेड़ के चारों तरफ सात बार परिक्रमा करते हुए ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करें। ऐसा गुरू पूर्णिमा के अलावा शनिवार के दिन भी करें।
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