Bitter gourd benefits in summer : करेला ( Bitter gourd benefits) महत्वपूर्ण औषधीय तत्वों से भरपूर एक सब्जी है। (Bitter gourd benefits) जो कड़वा तो है लेकिन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बहुत है। बहुत से लोग करेले की कड़वाहट के कारण इसका उपयोग नहीं करते हैं, लेकिन यदि इसकी कड़वाहट को नजरअंदाज कर इसका सेवन करें तो मधुमेह सहित अन्य अनेक बीमारियों के जोखिम से स्वयं को बचा सकते हैं।
Bitter gourd benefits : जीवन में “सेहत की मिठास” घोलने वाले कड़वे करेले का जन्म हजारों वर्ष पहले भारत में हुआ माना जाता है। आयुर्वेद के ग्रंथों में करेले के गुण व उपयोग का उल्लेख प्राप्त होता है। भारतीय आयुर्वेद विज्ञान करेले को औषधीय गुणों की खान बताता है। चरक संहिता में करेले को कफ और पित्तनाशक बताया गया है।
Bitter gourd benefits in summer
इसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयरन, कॉपर, मैगनीज, विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन- बी के फॉलेट नियासिन, राइबोफ्लेविन आदि पाए जाते हैं। करेले में कॉलिन और ल्यूटेन नामक तत्वों के अतिरिक्त फिटो न्यूट्रिएंट्स तथा एंटीऑक्सीडेंट फेनोलिक एसिड, सैपोनिन, पेप्टाइड भी मौजूद होते हैं।
• मधुमेह (Diabetes) के उपचार में करेला, करेले का चूर्ण और करेले का रस बहुत उपयोगी हैं। करेले को सुखाकर महीन चूर्ण बनाकर 5 ग्राम मात्रा पानी अथवा शहद के साथ सेवन करने से शुगर का स्तर संतुलित होता है। करेले का ताजा 15 मिलीलीटर रस नियमित पीने से मधुमेह छुटकारा पाया जा सकता है।
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• 15-20 मिलीग्राम करेले के पत्ते के रस को 250 मिलीलीटर छाछ के साथ मिलाकर प्रतिदिन सुबह-सुबह पीने से बवासीर में फायदा होता है।
• पीलिया में भी करेला फायदेमंद होता है। करेले के 10 मिलीलीटर रस में बड़ी हरड़ को पीसकर पीने से पीलिया में लाभ मिल सकता है।
• ताजा हरे करेलों के रस को गर्म कर लेप करने से गठिया में लाभ होता है। करेले के पेस्ट और काढ़े को घी में पकाकर दर्द वाले जोड़ों आदि पर लगाने से गठिया के दर्द में आराम आता है।
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• 10-12 मिलीलीटर करेले के पत्तों का रस पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। करेले के बीजों को पीसकर 2 ग्राम सेवन करने से भी कीड़े मर जाते हैं।
• जलोदर (पेट में पानी भर जाने वाली बीमारी) रोगी को 10-15 मिलीलीटर करेले के पत्तों के रस में शहद मिलाकर पिलाने के चमत्कारी फायदा हो सकता है।
• करेले के पत्ते के रस को दाद वाले स्थान पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है। करेला चर्म रोग से भी छुटकारा दिला सकता है। करेले के पत्ते, दालचीनी, पीपल और चावल को जंगली बादाम के तेल में मिलाकर लगाने से त्वचा विकार/चर्म रोग में फायदा होता है।
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• करेले के 10-15 मिलीलीटर रस में जीरे का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार पिलाने से वायरल फीवर में अप्रत्याशित लाभ हो सकता है।
• करेले के पत्तों के रस को तलवों में लगाने से तलवों में जलन की परेशानी दूर हो जाती है।
• कच्चा करेला खाने से खून साफ होता है। वैसे खून करेले की सब्जी खाने से भी साफ होता है, लेकिन कच्चा करेला त्वरित और अधिक प्रभाव दिखाता है।
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• एक गिलास करेला रस नियमित रूप से सेवन करने से लीवर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
• 20 ग्राम करेला रस में शहद मिलाकर पीने से पथरी गल करके पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।
• अस्थमा में करेले की बिना मसाले वाली सब्जी बहुत फायदेमंद होती है।
जरूरी बात : गर्भावस्था के दौरान करेले का अधिक सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है। लीवर और किडनी के मरीजों को भी ज्यादा करेला खाना भारी पड़ सकता है। अत्यधिक करेले व इसके रस का सेवन करने से रक्त में शुगर का स्तर बहुत कम हो सकता है, जिससे हाइपोग्लाइकोमिया की शिकायत से दो चार होना पड़ सकता है। करेले के बहुत अधिक सेवन से अन्य कई परेशानियां भी पैदा हो सकती हैं।
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