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शादी की तारीख तय करते वक्त नहीं करनी चाहिए ये गलती, नहीं तो नर्क बन जाएगा जीवन (Astrology tips)

ज्योतिष (Astrology tips) में कुंडली मिलान का विशेष महत्व बताया गया है। ये बात ज्यादातर लोग जानते हैं और इसको लेकर सजग भी रहते हैं। अक्सर लोग विवाह की बात आगे बढ़ाने से पहले कुंडली मिलान करवाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विवाह की तिथि को निर्धारित करने को लेकर भी कुछ नियम ​बनाए गए हैं?

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सुखी वैवाहिक जीवन के लिए जितना जरूरी कुंडली मिलान है, उतना ही जरूरी शुभ तिथि भी है। आमतौर पर लोग पंडित से शादी की कुछ तिथियां निकलवाकर उन्हीं में से एक निर्धारित कर लेते हैं, लेकिन शादी की डेट को निर्धारित करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चा​हिए। यदि आप इनको लेकर सजग रहेंगे तो वैवाहिक जीवन भी बेहतर रहेगा।

इन 5 गलतियों को कभी न करें

माता-पिता के विवाह वाला महीना न चुनें

अगर हमारे माता-पिता के विवाह की तिथि और हमारी तिथि एक ही हो, तो हम काफी खुश होते हैं। लेकिन वास्तव में हमें उस माह में भी विवाह नहीं करना चाहिए, जिसमें माता-पिता का विवाह हुआ हो। अक्सर लोग इस बात से वाकिफ नहीं होते हैं।

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बड़ी संतान का विवाह ज्येष्ठ माह में नहीं

पहली और सबसे बड़ी संतान का विवाह कभी भी ज्येष्ठ के महीने में नहीं करना चाहिए। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से ज्येष्ठ का महीना मई और जून के बीच पड़ता है। ज्येष्ठ के महीने में पहली संतान का विवाह शुभ नहीं माना जाता। इसलिए तिथि निर्धारण के समय इस बात का विशेष खयाल रखें।

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इन नक्षत्रों में न करें विवाह

पूर्वा, फाल्गुनी और पुष्य नक्षत्र को विवाह के लिए अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे में जब आप विवाह की तिथि निकलवा रहे हों, तो एक बार पंडित से ये कन्फर्म कर लें कि इस दौरान इनमें से कोई नक्षत्र तो नहीं है। स्पष्ट होने के बाद ही तिथि निर्धारित करें।

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तारा अस्त हो, तब न करें

गुरु और शुक्र में गोचर में हों और तारा अस्त हो, वो समय विवाह के लिए ठीक नहीं होता। इसके अलावा चातुर्मास का समय भी विवाह के लिए शुभ नहीं ​माना जाता। इसलिए इस तिथियों में भी विवाह करने से बचना चाहिए।

ग्रहण और विवाह तिथि

जिस दिन सूर्य या चंद्र ग्रहण हो, उससे तीन दिन पहले और तीन दिन बाद तक की ​तिथि नहीं निकलवानी चाहिए। इस दौरान विवाह कार्य शुभ नहीं माना जाता है।

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महेश के. शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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