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इस पेड़ की पूजा करने से दूर होती है गरीबी, निरंतर बना रहता है धन आगमन arrival money 

arrival money  हिंदू धर्म में पेड़ पौधे की पूजा का काफी महत्व माना जाता है। गुरुवार के दिन जहां केले के वृक्ष की पूजा का महत्व बताया गया है, वहीं शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा का महत्व भी ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है। इसके अलावा घरों में तुलसी के पौधे की पूजा तो रोजाना ही होती है, सिवाय रविवार को छोड़कर। जितने भी पूजनीय वृक्ष हैं, उनका किसी न किसी देवी देवता अथवा ग्रहों से संबंध है। arrival money

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ऐसा ही एक वृक्ष है गुलर का। गुलर के वृक्ष की पूजा की बाबत बहुत कम लोगों को ही जानकारी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुलर के पेड़ का संबंध शुक्र ग्रह से संबंध है। यदि इस वृक्ष में नियमित रूप से जल चढ़ाया जाए या फिर इसके नीचे दीपक रखा जाए तो आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है और धन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं। arrival money

गरीबी दूर करने के लिए करें ये उपाय arrival money
ज्योतिष में शुक्र ग्रह को विलासिता सुख देने वाला ग्रह माना गया है। जो लोग गरीबी का दंश झेल रहे होते हैं, अक्सर उनकी कुंडली में शुक्र कमजोर स्थिति में होता है। शुक्र की अशुभ स्थिति को समाप्त करने और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए शुक्ल पक्ष में शुक्रवार के दिन किसी स्थान पर गूलर का पौधा लगाएं और इसमें नियमित तौर पर जल देना शुरू करें। इससे आपके जीवन में शुक्र के अनुकूल प्रभाव होंगे और जैसे जैसे पौधा पनपेगा, आपकी आर्थिक समस्याएं भी खत्म होने लगेंगी।

प्रेम विवाह के लिए
यदि प्रेम विवाह चाहते हैं या कोई भूमि या भवन खरीदना चाहते हैं और काम नहीं बन पा रहा है, तो गूलर के वृक्ष की जड़ को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को निकाल लाएं और इसमें गंगाजल छिड़कें। इसके बाद मन में अपनी कामना को कहकर चांदी के ताबीज में इस जड़ को रखकर धारण करें, कुछ समय में परिणाम आपके पक्ष में आने लगेंगे।

कुबेर की संपदा बताए जाते हैं इसके फूल
गूलर के फूलों को लेकर तमाम रहस्यमयी बातें कही जाती हैं। कहा जाता है कि इसके फूल कभी जमीन पर नहीं गिरते। न ही आज तक कोई इसके फूलों को कोई देख पाया है। कहा जाता है कि इसके फूल कुबेर की संपदा हैं। वे अक्सर रात में खिलते हैं और खिलते ही स्वर्गलोक चले जाते है, इसलिए ये धरती पर लोगों को नहीं मिल पाते। हालांकि कुछ लोग इसके फूल देखने का दावा करते हैं, लेकिन आज तक सटीक रूप से इस दावे को साबित नहीं कर पाए हैं। वहीं कुछ लोग ये मानते हैं कि गूलर का फूल होता ही नहीं है, असल में गूलर के फल टहनियों पर गांठ की तरह लगते हैं।

औषधीय गुणों से भरपूर
गूलर का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इसके पत्तों, जड़ और फल का प्रयोग आयुर्वेद में दवाओं के तौर पर किया जाता है। यौन दुर्बलता दूर करने के लिए गूलर के फलों का नियमित सेवन काफी गुणकारी है। वहीं गूलर की छाल और पत्तों का प्रयोग से सूजन और दर्द की समस्या दूर करने के लिए किया जाता है। गूलर के पुराने से पुराने घाव को भी ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा भी आयुर्वेद में गूलर के फल, छाल, जड़ और पत्तों का प्रयोग तमाम बीमारियों के लिए किया जाता है।

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maheshshivapress
महेश के. शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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