सहारनपुर। माता के प्रिय भक्तों जय माता दी। भक्तों आगामी 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होने जा रहे हैं। इन नवरात्र में यूं तो आप अपने अपने तरीके से देवी की अराधना और साधना करेंगे। नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पूरे वर्षभर की साधना के बराबर फल मिलता है।
आज हम आपको दुर्गा सप्तशती के 13 गुप्त रहस्यों को बताने जा रहे है। दुर्गा सप्तशती के प्रत्येक अध्याय का अपना विशेष महत्व है। मसलन यदि आप पहले अध्याय का पाठ करेंगे तो आपकों क्या फल मिलेगा और आपकी कौन सी समस्या का समाधान होगा।
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गणेशा वॉयस डॉट इन आपके लिए आज से एक सीरिज शुरू करने जा रहा है। दुर्गा सप्तशती को लेकर यह सीरिज आपको निसंदेह लाभ पहुंचाएगी। श्री बालाजी धाम सहारनपुर के संस्थापक गुरू श्री अतुल जोशी जी महाराज हमारे पाठकों के लिए विशेष रूप से बताएंगे कि दुर्गा सप्तशती के कौन से अध्याय का पाठ करने से आपको क्या लाभ होगा और आपकी कौन सी समस्या का समाधान होगा। इस सीरिज के लिए आप जुडे रहें https://ganeshavoice.in के साथ-
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शक्तिशाली से शक्तिशाली शत्रु के शमन के लिए-
दुर्गा सप्तशती के प्रथम अध्याय में राजा सुरथ और समाधि की कथा का वर्णन मिलता है। इस अध्याय में सूर्य पुत्र सावर्णि की उत्पत्ति का वर्णन भी मिलता है। बताया गया है कि राजा सुरथ को किस तरह से उसके दुश्मन परास्त करते हैं और वह अपना राज्य तथा घर बाहर छोडकर जंगल में भ्रमण करते हैं, इस अध्याय का पाठ करने के बाद ही हम दुर्गा सप्तशती के दूसरे अध्यायों में प्रवेश करते है। वास्तव में यह देवी दुर्गा की कथा का प्रारंभिक अध्याय भले ही हो, लेकिन इस अध्याय का पाठ करने वालों पर देवी की कृपा होती हैं।
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श्री अतुल जोशी जी महाराज ने बताया कि दुर्गा सप्तशती का यह प्रथम अध्याय मानव की चिंता को दूर करता है तथा शक्तिशाली से शक्तिशाली शत्रु का भय समाप्त हो जाता है। इस अध्याय को करने के बाद मानव को देवी दुर्गा का कीर्तन अवश्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस प्रथम अध्याय को करने से पूर्व दुर्गा कवच भी पढना चाहिए।