नमस्कार मित्रों। गणेशा वॉयस डॉट इन में आपका स्वागत है। मित्रों हमारे यू टूब चैनल के बाद अब हमारी वेबसाइट पर आने वाले सुधी पाठक अपनी समस्याओं और शंकाओं का समाधान जानने की इच्छा भी प्रकट कर रहे हैं। आप सभी का धन्यवाद।
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ज्योतिष एक विशालकाय विज्ञान है। यह खगोल, आकाश में स्थित नक्षत्र एवं अन्य पिंडों पर आधारित है। यह ईश्वर का प्रकाश अर्थात ईश प्लस ज्योति से इसका नाम ज्योतिष हुआ और इसकी गणना ज्योतिमय गणित द्वारा ही संभव है। इसी गणना के फल मानव जीवन पर पड़ते हैं। इससे फलित ज्योतिष कहा जाता है। फलित ज्योतिष की अनेक शाखा हैं। जैसे वैदिक ज्योतिष, भृंगु संहिता, अंक ज्योतिष, रावण संहिता, लाल किताब, रमन ज्योतिष, हस्तरेखा, टैरो कार्ड, आध्यात्मिक ज्ञान, शकुन अपशुकन विज्ञान आदि अनेक के ज्ञाता भविष्यवाणी और जिज्ञासु की शंका का समाधान करते हैं।
अवसाद योग इन एस्ट्रोलॉजी, avsad yog in astrology
अब मैं ज्योतिष में अवसाद योग के बारे में एक जिज्ञासु की शंका का समाधान करना चाहता हूं। अवसाद योग अर्थात मानसिक तनाव या समस्या, इस योग लग्न — चतुर्थ भाव— पंचम भाव— लग्नेश— चतुर्थेश, पंचमेश और मन का कारक चंद्रमा और बुद्धि का कारक बुध ग्रह समेत आठ विषयों पर विचार करना होता है। यदि ये आठों ही पीड़ित अवस्था में है तो जातक जातिका 80 प्रतिशत अवसाद से ग्रस्त होता है या ये कहें कि वह मानसिक रुप से विक्षिप्त होता है।
इसके अलावा यहां कुछ योग की जानकारी दे रहा हूं।
1. लग्न में सूर्य— सप्तम में मंगल
2. लग्न में शनि— सप्तम में मंगल
3. लग्न में शनि — पंचम में मंगल
4. लग्न में शनि — नवम में मंगल
5. चंद्रमा वृश्चिक राशि का होकर केंद्र में बुध के साथ हो तो जातक उन्मादी एवं अवसाद से पीड़ित होता है।
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ज्योतिष को जन्म कुंडली को बहुत बरीकी से गहन अध्ययन की आवश्यकता होती है।
अगर जिज्ञासु ज्योतिषी है तो कृपया ज्योतिष एवं रोग से संबंधित पुस्तकों का अध्ययन करें।