राजयोग यानि की राजा जैसा जीवन, ऐशो आराम और नौकर चाकर। राजयोग वैसे तो जातक की कुंडली के ग्रह और नक्षत्रों के आधार पर देखा जाता है, लेकिन यदि इसके बाद भी आप राजयोग भोगना चाहते हैं, तो आज हम आपको एक ऐसी देवी की जानकारी प्रदान करेंगे, जिसकी पूजा अर्चना करने तथा साधना करने से आप राजयोग प्राप्त कर सकते हैं।
जिस तरह से हम दीपावली पर मां लक्ष्मी का पूजन धन की प्राप्ति के लिए करते हैं, उसी तरह से गजलक्ष्मी का पूजन और साधना करने से राजा जैसा जीवन यापन किया जा सकता है। जिस व्यक्ति पर गज लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती है तो उस व्यक्ति के आगे पीछे नौकरों की फौज होती है और वह मोदी और अंबानी जैसा जीवन व्यतीत करता है। हर तरह का सुख, ऐश्वर्य और अन्य सुविधा की कोई कमी नहीं रहती है।
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गजलक्ष्मी का पूजन राजयोग पाने के लिए किया जाता है। गजलक्ष्मी के पूजन से जीवन में मान सम्मान मिलता है। गज को वर्षा करने वाले मेघों और उर्वरता का भी प्रतीक माना जाता है। गज की सवारी करने के कारण यह उर्वरता और समृद्धि की देवी भी हैं। गज लक्ष्मी देवी को राजलक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इन्हीं की कृपा से राजाओं को धन, वैभव और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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गजलक्ष्मी का स्वरूप चार भुजाधारी माना जाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार गज यानी हाथी पर आठ कमल की पत्तियों के समान आकार वाले सिंहासन पर विराजित होती है। इनके दोनों ओर भी हाथी खड़े होते हैं। चार हाथों में कमल का फूल, अमृत कलश, बेल और शंख होता हैं। इनकी उपासना संपत्ति और संतान देने वाली मानी गई है।
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गज लक्ष्मी व्रत पूजन विधि
गजलक्ष्मी की विशेष पूजा पितृपक्ष में अष्टमी को की जाती हैं। इसके अलावा शुक्रवार के दिन या महा निशा के दिन लाभ की वेला में कभी भी इनकी जा सकती है। इस दिन पूजा स्थल पर हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें और मूर्ति के सामने श्रीयंत्र, सोने-चांदी के सिक्के और फल फूल रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की मंत्रों के साथ कुमकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें। गज लक्ष्मी व्रत में मां लक्ष्मी की हाथी पर बैठी हुई मूर्ति को लाल कपड़े पर रखकर विधि-विधान के साथ स्थापना करें। पूजा कर मां का ध्यान करें और अपने लिए प्रार्थना करें।