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— पितृ दोष के कारण कोई भी व्यक्ति उन्नति नहीं कर पाता है।
— पितृ दोष के चलते व्यक्ति आर्थिक रुप से कमजोर हो जाता है।
— अतृप्त पितृों के निमित्त यह पूजन किया जाता है।
— पितृ दोष शांति पूजन महाकाल की नगरी उज्जैन में किया जाता है।
— विधि विधान से किये गए अनुष्ठान से पितृों को संतुष्टि मिलती है और गति प्राप्त होती है।
— पूजन संपन्न कराने के लिए बुकिंग के लिए नंबर 9720306060
Description
बिना पितरों के आशीर्वाद के बिना जीवन में कोई भी व्यक्ति आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक आदि उन्नति प्राप्त नहीं कर सकता। श्राद्ध कर्म न करने से पितृ अशांत रहते हैं, जिससे बड़ी कठिनाइयों का सामना जातक को करना पड़ता है।
अतृप्त पितरों के द्वारा कष्ट व परेशानियों को पूरे परिवार को झेलना पड़ता है। यदि किसी कारण से उनकी आत्मा को मुक्ति प्रदान नहीं हुई है तो उनकी शांति के लिए विशिष्ट कर्म किए जाते हैं।
पितरों की आकांक्षाओं और इच्छाओ की पूर्ति के लिए विधि विधान से किये गए अनुष्ठान से उनको संतुष्टि मिलती है और गति प्राप्त होती है। इन कर्मो को न करने से पितृ दोष लगता है जिससे जीवन में जातक और उसके परिवार को परेशानी उठानी पड़ती है।
जब कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों या पितरों का सम्मान नहीं करता या परिवार में जीवित माता पिता, दादा दादी और बड़े बुजुर्गो का मान सम्मान नहीं करता तो पितृ दोष बहुत प्रभावी हो जाता है।
जन्मकुंडली में बहुत से योग व दोष विद्यमान होते हैं जिनमें से पितृ दोष प्रमुख है। बहुत से दोष तो कुंडली में पितृ दोष के द्वारा ही जनित होते है। परिवार में हुई असमय मृत्यु या अकाल मृत्यु पितृ दोष का प्रमुख कारण होती है।