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— मांगलिक दोष के कारण जातक के विवाह में विलंब होता है।
— इस दोष के कारण पति पत्नी में हमेशा तनाव रहता है।
— मंगल दोष कुंडली में मंगल के अशुभ प्रभाव के कारण होता है।
— मंगल दोष शांति पूजन उज्जैन में कराया जाता है।
— पूजन के बाद प्रसाद डाक द्वारा जातक के पते पर भेजा जाता है।
— इस पूजन में जातक सम्मिलित हो सकता है अथवा आनलाइन करा सकता है।
— पूजन संपन्न कराने के लिए बुकिंग के लिए नंबर 9720306060
Description
किसी भी जातक की कुंडली में अगर लग्न से और चन्द्र से पहले, चौथे, सातवें, आठवे व बारहवें ( 1,4,7,8,12 ) भाव में मंगल स्तिथ हो तो जातक को मांगलिक माना जाता है।
दक्षिण भारत में मांगलिक दोष का निर्धारण दूसरे भाव से भी किया जाता है। गुजरात में मांगलिक दोष का निर्धारण शक्र से भी किया जाता है।
इसके प्रभाव के फलस्वरूप जातक के विवाह में विलम्ब होता है, साथ ही विवाह के बाद भी पति पत्नी के बीच परेशानी, दाम्पत्य जीवन में तनाव होने की सम्भावना होती है।
ही मकान, भूमि, शारीरिक कष्ट, दुर्घटना, अदालत सम्बन्धी परेशानी अशुभ प्रभाव वाले मंगल या मंगल दोष या मंगल का कुंडली में अच्छी स्तिथि न होने से ही होती है।
अगर जातक इनसे सम्बंधित व्यापार या नौकरी करता है तो उसमे भी सफलता नहीं मिलती।