Plant Color Connection : सभी ग्रहों का (Plant Color) अपना एक रंग होता है जो बहुत खास होता है और वो रंग किसी विशेष (Plant Color) दिशा व जीव के प्रत्येक अंग पर नियंत्रण रखता है। सूर्य से सात रंग प्राप्त होते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि रंगों का प्रयोग उनके गुण धर्म के अनुसार गलत जगह कर दिया जाता है, जिससे फायदा होने के बजाय नुकसान हो जाता है। सभी रंगों को सही क्रम या उचित उपयोग से वास्तु जनित दोषों को खत्म किया जा सकता है। Plant Color
Plant Color Connection
Plant Color अलग- अलग दिशाओं में रंगों का अधिपत्य है और उसी के अनुसार उसका प्रभाव भी होता है। घर परिवार में कोई मांगलिक कार्यक्रम हो या दीपावली जैसा प्रमुख पर्व, सबसे पहले लोगों को घर की साफ सफाई और पेंट कराने की प्लानिंग शुरू होती है। जानिए कि किस रंग का पेंट किस दिशा में कराएं जिससे आपका भाग्य और सुख -समृद्धि में बढ़ोतरी हो।
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पूर्व दिशा का भाग सफेद और पश्चिम का नीला रखें
मकान के पूर्व दिशा के भाग को सफेद रंग का रखें और पश्चिम दिशा के भाग को नीले रंग का रखना चाहिए। उत्तर दिशा का भाग हरे रंग और दक्षिण दिशा का भाग लाल या गुलाबी रखना चाहिए। भवन के दक्षिण पूर्व दिशा के भाग को बादामी या गुलाबी रखना चाहिए। भवन के दक्षिण पश्चिम दिशा के भाग में हरा या ग्रे रंग करवाना चाहिए। भवन के उत्तर पूर्व दिशा के भाग में पीला या हल्का नारंगी रंग करवाना चाहिए और उत्तर पश्चिम दिशा के भाग में सफेद व आसमानी रंग करवाना अच्छा रहता है।
वैसे तो रंगों को लोग अपनी पसंद के अनुसार चुनना पसंद करते हैं लेकिन अगर वह लोग रंग का बेसिक दिमाग में रखते हुए खरीददारी करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। पूर्वमुखी घर में प्रवेश द्वार का भाग सफेद या हल्का नीला अथवा हरा होना बहुत शुभ होता है, घर के प्रवेश द्वार वाले भाग को काला अथवा मटमैला रंग कभी न रखें।
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रसोई घर के लिए गुलाबी व हल्का नारंगी व इन्हीं से संबंधित शेड के रंग यहां कराने चाहिए, गहरे रंगों का प्रयोग कर सकते हैं। घर के अंदर की सजावट में पर्दे, फर्नीचर, खिड़की, दरवाजे के रंगों का भी महत्वपूर्ण स्थान है। डायनिंग हॉल में हरा अथवा नीला रंग रखने का प्रयास करें, यह पाचन क्रिया में बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। पूजा घर का रंग हल्का पीलापन, हल्का नारंगी व सफेद शेड कराना शुभ है।
Plant Color नव दंपत्ति के कमरे और बेडशीट का रखें ये रंग
नवविवाहित जोड़े के कमरे का रंग हल्का पीला या सफेद रखना चाहिए, इससे दोनों में परस्पर प्रेम पनपता है, घर का वातावरण सुखद रहता है और झगड़ों की आशंका कम रहती है। यहां एक बात और समझने वाली है कि पहले घरों में जमीन लाल रंग की रखी जाती थी। दरअसल लाल रंग की जमीन होने से घर में संतान संबंधित दिक्कतें कम होती थीं, ऐसे घरों में संतानहीनता की स्थिति नहीं बनती थी इसलिए ध्यान रहे कि नवविवाहिता की बेडशीट सफेद और पीले रंग की न रखें, सबसे अच्छा है कि लाल या गुलाबी बेडशीट का प्रयोग करना चाहिए।
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Plant Color बच्चों के कमरे का कराएं ये रंग, बढ़ेगी एकाग्रता
बच्चों के कमरे में गुलाबी अथवा क्रीम कलर सर्वश्रेष्ठ है. इन रंगों से बच्चों में एकाग्रता की वृद्धि होती है। बच्चों के कमरे में लाल या काले रंग का प्रयोग तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए। हां फर्नीचर का कुछ भाग अवश्य काला रखवाया जा सकता है। जो बच्चे पढ़ाई से जी चुराते हैं और बुद्धि का कम प्रयोग करते हैं, उनके कमरे में सफेद व लाल गुलाबी रंग के शेड कराना चाहिए, जिससे एकाग्रता बढ़ेगी और शैतानी कम होगी।
Plant Color जानिए रंगों के वैज्ञानिक और चिकित्सकीय प्रभाव
बैंगनी रंग का प्रभाव प्रत्येक प्रकार के दर्द में पड़ता है, रोगों को दूर करने वाला होता है। सिंदूरी रंग शरीर में पौरुष बढ़ाने के लिए गुणकारी है। नीला अथवा हल्का हरा रंग शरीर में त्वचा संबंधी रोगों में अच्छा कार्य करता है। पीला रंग आध्यात्मिकता को बढ़ाने वाला होता है इसलिए विद्यार्थी और बौद्धिक वर्ग के कमरे हल्का पीला रंग करा सकते हैं। सर्जरी होने के बाद हरा रंग रिकवर करने के लिए बहुत अच्छा होता है।
पेट से संबंधित बीमारी के रोगी आसमानी रंग को जीवन में उतारें। नारंगी रंग फेफड़ों और नाड़ियों पर प्रभाव डालकर उन्हें सक्रिय बनाता है। यह रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है। लाल रंग भूख बढ़ाता है। सर्दी, जुकाम, रक्तचाप और गले के रोगों के लिए लाभकारी होता है। पैरालिसिस वाले रोगियों को सफेद कमरे में रहना चाहिए। इससे चमत्कारिक रूप से लाभ मिलता है।
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रंगों से संबंधित कुछ जरूरी बातें
अब कुछ जरूर बातें अवश्य जान लीजिए और इन पर सदैव अमल करिए। पूर्व से दक्षिण की तरफ चलते हुए पश्चिम तक में नीला रंग नहीं रखना चाहिए। साथ ही ध्यान रहे कि समुद्र, नदी, झरने जलयुक्त कोई भी पेंटिंग न बनवाएं। पूर्व से उत्तर तक के बीच में चटक लाल, मैरून जैसे रंग कतई नहीं करना चाहिए। साथ ही किसी भी हिंसक पशु या युद्ध के चित्र नहीं बनवाने चाहिए। उत्तर से पश्चिम के बीच में लाल रंग से बचना चाहिए, छत में सफेद रंग सर्वोत्तम होता है। ध्यान रहे ज्यादा डिजाइन भी तनाव देती है और छत में भूल कर भी लाल रंग नहीं कराना चाहिए।
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