Kaal Bhairav : यदि आप (Kaal Bhairav) शनि की ढैया, साढ़ेसाती या शनिदेव के अन्य किसी तरह के प्रकोप से परेशान हैं (Kaal Bhairav) तो आज आपके हम इस लेख में कुछ विशेष जानकारी लेकर आए हैं। वैसे तो शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है। शनिदेव न्यायाधीश की भूमिका अदा करते हैं। वह किसी के भी साथ अन्याय नहीं होने देते हैं। शनिदेव की जब किसी पर ढैया या साढ़ेसाती आती है तो शनिदेव इस अवधि में जातक को लोहे से सोना बनाने का काम भी करते हैं।
Kaal Bhairav
कुंडली में भी यदि शनि की दशा या महादशा चल रही होती तो शनिदेव जातक को कसौटी पर कस कर एक ऐसा व्यक्ति बनाते हैं, जिसकी कल्पना व्यक्ति नहीं कर सकता है, भले ही हम इसे शनिदेव का प्रकोप कहें। शनिदेव अपनी दशा और महादशा की अवधि के दौरान व्यक्ति को एक धर्म परायण व्यक्ति बनाने का काम भी करते हैं, लेकिन यदि आप शनि की दशा और महादशा की अवधि के दौरान भगवान कालभैरव से जुड़े कुछ उपाय करते हैं तो शनिदेव की दशा और महादशा के दौरान होने वाले कष्ट कम हो जाते हैं।
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ज्योतिष विद्या लाल किताब के अनुसार आप शनि की दशा और महादशा से बचने के लिए लाल किताब के उपाय कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि वो उपाय…
1. भैरव की आराधना से ही शनि का प्रकोप शांत हो जाता है।
2. आराधना का दिन शनिवार, रविवार और बुधवार नियुक्त है।
3. लाल किताब की विद्या के अनुसार शनि के प्रकोप से बचने के लिए भैरव महराज को कच्चा दूध या शराब चढ़ाने का कहा जाता है।
4. जन्मकुंडली में अगर आप मंगल ग्रह के दोषों से परेशान हैं तो भैरव की पूजा करके पत्रिका के दोषों का निवारण आसानी से कर सकते हैं।
5. राहु केतु के उपायों के लिए भी इनका पूजन करना अच्छा माना जाता है।
6. भैरव महाराज की सवारी कुत्ते को प्रतिदिन रोटी खिलाने से भी शनिदेव शांत रहते हैं।
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Kaal Bhairav पुराणों के अनुसार भाद्रपद माह को भैरव पूजा के लिए अति उत्तम माना गया है। उक्त माह के रविवार को बड़ा रविवार मानते हुए व्रत रखते हैं। आराधना से पूर्व जान लें कि कुत्ते को कभी दुत्कारे नहीं बल्कि उसे भरपेट भोजन कराएं। जुआ, सट्टा, शराब, ब्याजखोरी, अनैतिक कृत्य आदि आदतों से दूर रहें। दांत और आंत साफ रखें। पवित्र होकर ही सात्विक आराधना करें। अपवित्रता वर्जित है।
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