Festival List April 2022 : अप्रैल महीने (Festival List) की शुरुआत हो गई है। हिंदू पंचांग के अनुसार अप्रैल 2022 में (Festival List) चैत्र अमावस्या, चैत्र नवरात्रि, रमजान, उगाडी, गुड़ी पड़वा, चेटी चंड, राम नवमी, चैत्र नवरात्रि पारणा, बैसाखी, अम्बेडकर जयन्ती, हनुमान जयंती सहित करीब डेढ़ दर्जन पर्व, व्रत और त्योहार आएंगे। वैसे तो हर दिन के पंचांग का विशेष महत्व होता है। लेकिन अप्रैल महीने पड़ने वाले इन त्योहारों का अलग की महत्व है। तो चलिए जानते हैं अप्रैल में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों की लिस्ट…
Festival List April 2022 : अप्रैल 2022 के व्रत एवं त्योहार
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01 अप्रैल, दिन: शुक्रवार: चैत्र अमावस्या है, इस तिथि को पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष तौर पर महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान करने, पितरों को दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इस बार चैत्र अमावस्या पर कुछ ऐसे शुभ योग बन रहे हैं, जिसने इस दिन का महत्व और भी बढ़ा दिया है।
02 अप्रैल, दिन: शनिवार: गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ, चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिन, कलश स्थापना, मां शैलपुत्री की पूजा, विक्रम संवत 2079 का प्रारंभ, हिंदू नववर्ष का प्रारंभ हो रहा है। इसके साथ ही दक्षिण भारत में रहने वाले लोग उगाडी का त्यौहार बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। लोग अपने सगे-संबंधियों के साथ एक जगह इकट्ठा होते हैं और तरह-तरह के व्यंजनों का आनंद लेते हैं। महाराष्ट्र के अधिकतर लोग इस त्यौहार को गुड़ी पड़वा के नाम से मनाते हैं।
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03 अप्रैल, दिन: रविवार: रमजान उपवास प्रारंभ, झूलेलाल जयंती, चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। बता दें कि चेटी चंड सिंधी समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है। यह पर्व सिंधी समाज के आराध्य देवता भगवान झूले लाल के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है इसलिए इसे झूलेलाल जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
04 अप्रैल: दिन: सोमवार: मत्स्य जयंती, गणगौर तीज, चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन, देवी चन्द्रघन्टा की पूजा, मां गौरी की पूजा की जाती है।
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05 अप्रैल, दिन: मंगलवार: विनायक चतुर्थी व्रत, चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन, देवी कुष्मांडा की पूजा की जाती है।
06 अप्रैल, दिन: बुधवार: चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन, देवी स्कन्दमाता की पूजा की जाती है।
07 अप्रैल: दिन: गुरुवार: चैत्र नवरात्रि का छठा दिन, देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है।
08 अप्रैल, दिन: शुक्रवार: चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन, महासप्तमी, देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है।
09 अप्रैल, दिन: शनिवार: महाष्टमी या दूर्गाष्टमी, चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन, देवी महागौरी की पूजा, कन्या पूजा की जाती है।
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10 अप्रैल, दिन: रविवार: राम नवमी, चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन, देवी सिद्धिदात्री की पूजा, स्वामीनारायण जयंती। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में रामनवमी मनाई जाती है जो कि भगवान विष्णु के 7वें अवतार थे। प्रत्येक साल हिन्दू कैंलेडर के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि को श्रीराम नवमी के रूप मनाया जाता है।
11 अप्रैल, दिन: सोमवार: चैत्र नवरात्रि का पारण, चैत्र नवरात्रि का दसवां दिन, चैत्र नवरात्रि हवन है। नवरात्रि पारणा का समय :06:00:38 के बाद से है। चैत्र नवरात्रि का पारणा चैत्र शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। इस दिन 9 दिनों तक चलने वाली चैत्र नवरात्रि समाप्त हो जाती है। पारणा मुहूर्त को लेकर शास्त्रों में बहुत मतभेद है कि पारण नवमी को होगा या दशमी को। मिमांसों के अनुसार पारण दशमी को करना चाहिए, क्योंकि कई शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि नवमी को उपवास रखा जाता है।
12 अप्रैल, दिन: मंगलवार: कामदा एकादशी व्रत है। कामदा एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से हर तरह के दुख और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसे फलदा एकादशी भी कहा जाता है।
13 अप्रैल, दिन: बुधवार: मदन द्वादशी व्रत है। शास्त्रों के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मदन द्वादशी कहते हैं। इस व्रत में काम के पूजन की प्रधानता होती है, मदन कामदेव का ही पर्यायवाची है इसीलिए इसे मदन द्वादशी कहा जाता है।
14 अप्रैल, दिन: गुरुवार: मेष संक्रांति, गुरु प्रदोष व्रत, वैशाखी पर्व आदि पड़ेगा। भारत में बैसाखी पर्व को सिख समुदाय नए साल के रूप में मनाते हैं। यह पर्व प्रत्येक साल हिन्दू कैलेंडर विक्रम संवत के प्रथम माह में पड़ता है। बैसाखी को फसलों का त्यौहार भी कहा जाता है।
15 अप्रैल, दिन: शुक्रवार: गुड फ्राइडे मनाया जाएगा। गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय का प्रमुख त्योहार है। इसे ईस्टर संडे से पहले 20 मार्च और 23 अप्रैल के बीच शुक्रवार को ही मनाया जाता है। ईसाई समुदाय के लोग ईसा मसीह को मानते हैं और इस दिन उन्हें सूली पर चढ़ाया गया था। ईसा मसीह को सूली चढ़ाने के 2 बाद ही रविवार को फिर जिंदा हो उठे थे, जिसकी ख़ुशी में ईस्टर संडे मनाया जाता है।
16 अप्रैल, दिन: शनिवार: हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा,
17 अप्रैल, दिन: रविवार: वैशाख माह की शुरुआत, ईस्टर,
19 अप्रैल, दिन: मंगलवार: संकष्टी चतुर्थी व्रत
23 अप्रैल, दिन: शनिवार: कालाष्टमी व्रत
26 अप्रैल, दिन: मंगलवार: वरुथिनी एकादशी व्रत
28 अप्रैल, दिन: गुरुवार: गुरु प्रदोष व्रत
29 अप्रैल, दिन: शुक्रवार: वैशाख मासिक शिवरात्रि
30 अप्रैल, दिन: शनिवार: वैशाख अमावस्या
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