Chhath Puja 2021 : बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रमुख रुप से तथा अन्य प्रदेशों में मनाया जाने वाला छठ पर्व आज से शुरु हो गया है। छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है। चार दिन तक चलने वाले इस पर्व में भगवान सूर्यदेव और छठी माता की अराधना की जाती है। संतान प्राप्ति और बच्चों की मंगलकामना करने के लिए महिलाएं 36 घंटे का निर्जल व्रत करती हैं।
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नहाय-खाय
छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय से शुरू होता है। यह आज को मनाया जा रहा है। इस दिन महिलाएं स्नान करने के बाद सूर्य देव के समक्ष व्रत का संकल्प करती हैं। बाद में चने की सब्जी, साग और चावल का सेवन कर, व्रत की शुरुआत करती हैं।
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खरना
छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। 9 नवंबर को खरना होगा। इस दिन भी महिलाएं उपवास रखती हैं। शाम के समय खरना के दिन मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाने की परंपरा है।
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सूर्यदेव को अर्घ्य
इस महापर्व के तीसरे दिन को छठ कहा जाता है। 10 नवंबर को अर्घ्य देने की तिथि है। इस दिन महिलाएं तालाब, नदी या फिर घाट पर जाती हैं और छठी मैया की पूजा करती हैं। फिर शाम को ढलते हुए सूरज को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद महिलाएं अपने घर वापस आकर कोसी भरती हैं।
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पारण
महापर्व के चौथे दिन व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन छठ का समापन भी होता है, 11 नवंबर को महापर्व का समापन होगा। इस दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले नदी, नहर या तालाब के पानी में खड़ी होती है और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। बाद में प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण किया जाता है।
ऐ. के. त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य
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