धर्म दर्शन

यहां कदम रखते ही झूमने लगते हैं संकटग्रस्त व्यक्ति, मिलती है श्रीबालाजी की कृपा

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महेश कुमार शिवा
सहारनपुर। भगवान श्रीराम के परम सेवक श्री हनुमान जी महाराज। श्री हनुमान जी का बाल रुप है बालाजी महाराज। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे उत्तर प्रदेश के उस मंदिर के बारे में जहां पर श्री बालाजी महाराज विराजमान हैं। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में कदम रखते ही संकटग्रस्त व्यक्ति झूमने लगते हैं। श्री बालाजी महाराज ऐसे भक्तों पर अपनी कृपा बरसा कर उनके समस्त संकटों का हरण करते हैं। उनकी अराधना करने के लिए श्रद्धालु न केवल यूपी बल्कि, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और यहां तक मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से भी सहारनपुर में मौजूद श्री बालाजी धाम में पहुंचते हैं।

देश के राजस्थान प्रांत में मेहंदीपुर में श्री बालाजी महाराज का मूल स्वरुप है तो यहां पर उन्हीं की शक्ति का चमत्कार देखने को मिलता है। सहारनपुर के बेहट रोड स्थित श्री बालाजी धाम की स्थापना वैसे तो ज्यादा पुरानी नहीं है, लेकिन करीब आठ साल पहले जब इस धान की स्थापना की गई थी तो उद्देश्य केवल जन कल्याण का ही रहा है। यहां पर श्री बालाजी महाराज अपने परम भगवान श्रीराम के साथ साथ अपनी सहयोगी शक्ति श्री कालभैरव और श्री प्रेतराज सरकार के साथ विराजमान है। तीनों शक्तियां बालाजी महाराज, श्री कालभैरव और प्रेतराज सरकार अपने भक्त का परम कल्याण कर रही हैं। इस सबसे इतर इस धाम की खास बात यह है कि यहां पर कदम रखते ही विभिन्न प्रकार के संकटों से पीड़ित व्यक्ति यकायक ही झूमने लगता है। बाधाओं से ग्रस्त व्यक्ति को यहां पर कुछ दिनों तक नियमित हाजरी लगाने से मुक्ति मिल जाती है। अन्य प्रकार की परेशानियों से ग्रस्त लोगों के संकट का समाधान भी यहां पर शीश नवाने मात्र से दूर हो जाती है। बस जरुरत होती है बाबा के श्रीचरणों में श्रद्धापूर्वक शीश झुकाने की। श्री बालाजी महाराज यहां पर आने वाले अपने सभी भक्तों की मनोकामनाओं को पलभर में दूर कर देते हैं।

श्री बालाजी धाम का उद्देश्य
श्री बाला जी धाम के संस्थापक गुरू श्री अतुल जोशी जी बताते हैं कि धाम स्थापना के पीछे जहां आम जन को आध्यात्म और धर्म से जोड़ना है, वहीं श्री बाला जी सेवा समिति का उद्देश्य आम जन के बीच पहुंच कर उनकी तकलीफों को देखना और उनका निदान करने का प्रयास करना है। जिस वक्त धाम की स्थापना की गई थी, उसी समय गुरु श्री अतुल जोशी जी महाराज ने एक मिशन तय किया था, कि समिति के माध्यम से आम जन की सेवा की जाए। मानव सेवा को ईश्वर सेवा मान कर समिति द्वारा कार्य किया जा रहा है। गरु जी और समिति का मिशन है कि हर बच्चे को शिक्षा, भूखे को रोटी मिलनी चाहिए और हर बीमार को उपचार।

श्री बाला जी धाम के संस्थापक गुरु श्री अतुल जोशी जी महाराज का जन्म 29 अगस्त 1971 को सहारनपुर शहर के ज्योतिष के प्रखंड विद्वान पंड़ित स्वर्गीय श्री अयोध्या प्रसाद जोशी के यहां हुआ था। जन्म के बाद से ही गुरु जी का रुझान धर्म और ज्योतिष में रहा। मां श्रीमती विद्यावती जोशी से मिले संस्कार की बदौलत गुरु जी आज न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी धर्म की पताका फहरा रहे हैं। गुरु जी की प्रारंभिक शिक्षा सहारनपुर में ही हुई। इसके बाद वे रुड़की (उत्तराखंड) चले गए। उन्होंने इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में आईआईटी रुड़की से एएमआईई की डिग्री हासिल की।


उन्होंने विभिन्न ज्योतिष संस्थानों से ज्योतिष रत्न, ज्योतिष भूषण, ज्योतिष प्रभाकर और ज्योतिषाचार्य की डिग्री हासिल की। वर्ष 1993 में उनका जुड़ाव घाटा मेहंदीपुर (दौसा, राजस्थान) से हुआ। वर्ष 2000 में गुरुजी पर बाला जी महाराज की कृपा हुई और शक्ति का आगमन हुआ। मेरठ के स्व. वासुदेव स्वामी के संपर्क में आने के कारण गुरु जी श्री बाला जी महाराज की ओर प्रेरित हुए और श्री बालाजी महाराज के सेवा तथा पूजा अर्चना प्रारंभ की। इसके बाद श्री अतुल जोशी जी को विश्वस्तरीय कई गुरुजनों, साधु संतों का सानिध्य प्राप्त होना प्रारंभ हुआ और अभी भी जारी है। महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज से गुरु दीक्षा लेने के बाद गुरुजी की जन सेवा में लग गए।
कैसे पहुंचे बालाजी धाम
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर के बेहट रोड पर स्थित बालाजी धाम पर पहुंचने के लिए दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और अंबाला चंडीगढ़ से सीधे ट्रेन और सुविधा उपलब्ध है। यदि आप हवाई मार्ग से पहुंचना चाहते हैं तो आपको एयरपोर्ट दिल्ली या जौलीग्रांट देहरादून उतरना होगा। जहां से सीधे टैक्सी करके आप बालाजी धाम पहुंच सकते हैं।

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