Varuni Yog 2022 : वारुणी (Varuni Yog 2022) शुभ योग में पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व बताया (Varuni Yog 2022) गया है। साथ ही इस दौरान जप-तप व अन्य उपाय भी किए जा सकते हैं। यह योग अत्यंत दुर्लभ और कहलाता है। वारूणी योग के बारे में कहा गया है कि चैत्र कृष्ण त्रयोदशी शततारका नक्षत्रयुता वारूणी संज्ञका स्नानादिना ग्रहणादि पर्वतुल्य फलदा।
Varuni Yog 2022
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अर्थात्- चैत्र कृष्ण त्रयोदशी के दिन शततारका अर्थात् शतभिषा नक्षत्र की युति हो तो वारूणी नाम का योग बनता है जिसमें स्नान व जप-तपादि करने से ग्रहण के समान फल प्राप्त होता है।
Varuni Yog 2022 : जानिए कितने प्रकार का होता है वारूणी योग?
– ज्योतिषियों के अनुसार, चैत्र कृष्ण त्रयोदशी पर शतभिषा नक्षत्र हो तो वारूणी योग बनता है। यह योग तीन प्रकार से बनता है।
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– पहला, चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिषा नक्षत्र और शनिवार हो तो महावारूणी योग बनता है। दूसरा, चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिष नक्षत्र, शनिवार और शुभ नामक योग हो तो महा-महावारूणी योग बनता है।
– तीसरा, चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिष नक्षत्र हो तो वारूणी योग बनता है। इस बार 30 मार्च को शतभिषा नक्षत्र और शुभ योग तो है, लेकिन शनिवार नहीं होने के कारण यह मात्र वारूणी योग कहलाएगा।
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Varuni Yog 2022 : जानिए कितनी देर के लिए बनेगा वारूणी योग?
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी तिथि पर शतभिषा नक्षत्र सुबह 10.48 तक रहेगा। इसलिए वारूणी योग भी सुबह 10.48 बजे तक ही रहेगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 6.25 पर होगा और शतभिषा नक्षत्र सुबह 10.48 बजे तक रहेगा। इसलिए वारूणी योग की कुल अवधि 4 घंटे 23 मिनट रहेगी।
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Varuni Yog 2022 : शुभ फल पाने के लिए ये उपाय करें वारुणी योग में
1. शुभ फल पाने के लिए वारुणी योग में किसी पवित्र नदी में स्नान करें और शिव मंदिर में पूजा करें। इससे जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। यदि पवित्र नदियों में स्नान करने का संयोग ना बन पाए तो अपने घर में ही पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें।
2. वारुणी योग में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें या किसी योग्य पंडित से करवाएं। इससे आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
3. वारुणी योग मंत्र जप, अनुष्ठान, यज्ञ, हवन आदि करने का बड़ा महत्व है। ऐसा करने से हजारों यज्ञों के समान मिलता है।
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