Surya Grahan 2022 Date and Time in India: आज यानी 30 अप्रैल को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर बिल्कुल टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। ग्रहण का नाम सुनते ही मन भय से ग्रसित हो जाता है और क्यों न हों राहु-केतु हमारे सबसे महत्वपूर्ण दो ग्रह सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगाते हैं। ज्योतिष के अनुसार सूर्य और चंद्र के मिलन से जन्म होता है सूर्य पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं और चंद्रमा माता का।
Surya Grahan 2022
इस विक्रम संवत 2079 के अंतर्गत 4 ग्रहण पड़ेंगे. जिसमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण पड़ेंगे। भारत में केवल एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण का ही असर रहेगा। आज हम लोग बात करते हैं कल पड़ने वाले सूर्य ग्रहण की।
मेष राशि में लगेगा ग्रहण
खण्डग्रास सूर्यग्रहण 30 अप्रैल 2022, हिन्दी तिथि वैशाख कृष्ण अमावस्या दिन शनिवार को मेष राशि के अश्विनी नक्षत्र पर लगेगा। यह सुनकर सबसे ज्यादा परेशान मेष राशि वाले हो रहे होंगे लेकिन भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा।
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जिन जगहों पर इस सूर्य ग्रहण का असर होगा वह हैं पश्चिम-दक्षिण, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिक, फाकलैण्ड, अर्जेन्टिना, चिली, उराग्वे, पैरागुवे, बोलिविया आदि क्षेत्रों हैं।
खण्डग्रास सूर्यग्रहण का प्रारम्भ निर्णय सागर पंचांग के अनुसार भारतीय समय के अनुसार 30 अप्रैल की मध्य रात्रि 12:15 को स्पर्श होगा, ग्रहण मध्य रात्रि को 2.12 बजे होगा और मोक्ष 1 मई की सुबह 4:08 हो जाएगा।
इन बातों का रखें ख्याल
वैसे सभी कार्य सामान्य रूप से होंगे। ग्रहण काल में कुछ बातों को नहीं करना चाहिए। जोकि बहुत ही सामान्य हैं। यहां बात कर्मकाण्ड की नहीं है। ग्रहण का प्रभाव भी नहीं है लेकिन यदि सभी राशि के व्यक्ति ग्रहण काल के दौरान परमात्मा से प्रार्थना करें कि यदि कहीं भी हमारे देवता सूर्य पर संकट आया है तो उसको दूर करें। ग्रहण काल बहुत महत्वपूर्ण होता है। सूर्य ग्रहों के राजा है। सूर्य आत्मा का कारक है। सूर्य आरोग्य देते हैं। हम सब लोग सूर्य के निकलते ही एक्टिव हो जाते हैं। उन पर विश्व में कहीं भी संकट हो तो हमें प्रार्थना करनी चाहिए। क्योंकि सूर्य तो एक ही हैं।
– ग्रहण के दौरान सूतक नहीं है और भारत में नहीं दिखेगा इसलिए सभी पूजा पाठ सामान्य दिनों की तरह करना है।
– ग्रहण काल में अपना ध्यान ईश्वर पर केंद्रित करते हुए किसी मंत्र का जाप कर सकते हैं। यह ईश्वर के प्रति एक आध्यात्मिक भाव है।
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– एक बात विशेष तौर पर ध्यान रखनी चाहिए कि ग्रहण काल के दौरान शाम को मनोरंजन नहीं करना चाहिए। भले ही ग्रहण भारत में नहीं दिख रहा है फिर भी मूवी, संगीत सुनना, नृत्य नहीं देखना चाहिए। इसके पीछे का लॉजिक केवल यह है कि आपके ईश्वर पर संकट है और आप मनोरंजन कर रहे हैं।
– किसी भी राशि की महिला यदि वह गर्भवती हैं तो उसको बिल्कुल भी ग्रहण से नहीं घबराना चाहिए। न ही उनको कुछ उपाय करने हैं, केवल परमात्मा का ध्यान व जाप कर लें यह सर्वदा हितकारी ही होगा।
– ग्रहण काल में सोने से बचना चाहिए क्योंकि प्रभु पर संकट हो और हम सोएं यह ठीक नहीं।
– सूर्य भगवान के प्रति इतना पवित्र भाव रखें तो निश्चित रूप से उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा। सूर्य ग्रहों के राजा है इसलिए उनको प्रसन्न रखना अनिवार्य है।
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