Navratri Havan 2022 : जो लोग चैत्र नवरात्रि (Navratri Havan) में अखंड ज्योति की स्थापना करते हैं, वे हवन आवश्यक (Navratri Havan) रूप से करते हैं। हवन के बिना नवरात्रि की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। हवन की पूर्णाहुति होने पर नवरात्रि पूजा से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस बार अष्टमी तिथि 9 अप्रैल, शनिवार और नवमी तिथि 10 अप्रैल, रविवार को है। आगे जानिए नवरात्रि हवन की कैसे करें तैयारी व अन्य खास बातें…
Navratri Havan 2022
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अष्टमी तिथि कब से कब तक? (Navratri Ashtami 2022)
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 8 अप्रैल, शुक्रवार की रात लगभग 11.05 पर शुरू होगी, जो 9 अप्रैल, शनिवार की रात लगभग 01:24 तक रहेगी। इस दिन आप अपनी सुविधा अनुसार आप हवन व कन्या पूजन कर सकते हैं।
नवमी तिथि कब से कब तक? (Navratri Navmi 2022)
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 9 अप्रैल, शनिवार की रात लगभग 01.24 पर शुरू होगी, जो 10 अप्रैल, रविवार की रात लगभग 03:16 तक रहेगी। इस दिन आप अपनी सुविधा अनुसार आप हवन व कन्या पूजन कर सकते हैं।
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ये हैं नवरात्रि हवन के लिए आवश्यक साम्रगी
चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, कर्पूर, चावल, गाय का घी, लौंग, इलायची, गुग्गल, पीपल की छाल, 1 सूखा नारियल, लाल कलावा (पूजा का धागा), आम की सूखी लकड़ियां, जौ, शक्कर, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, गूलर की छाल और काला तिल
Navratri Havan 2022 इस विधि से करें नवरात्रि का हवन
– दुर्गाष्टमी या नवमी जिस भी दिन आपको हवन करना है, पहले ये तय कर लें और किसी योग्य विद्वान से सलाह भी कर लें। हवन करने पहले देवी मां की पूजा करें, इसके बाद हवन कुंड के सामने आसन पर बैठ जाएं।
– हवन सामग्री (चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, चावल, गाय का घी, लौंग-इलाइची, गुग्गल, पीपल की छाल, जौ, शक्कर, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, गूलर की छाल और काला तिल) को एक बर्तन में अच्छी तरह से मिला लें।
– अब आम की सूखी लकड़ियों को हवन कुंड में रखकर कर्पूर की मदद से जला लें। इसके बाद मां दुर्गा ये मंत्र बोलते हुए थोड़ी-थोड़ी हवन सामग्री अग्नि में डालते जाएं।
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ओम आग्नेय नम: स्वाहा
ओम गणेशाय नम: स्वाहा
ओम गौरियाय नम: स्वाहा
ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
ओम हनुमते नम: स्वाहा
ओम भैरवाय नम: स्वाहा
ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
ओम शिवाय नम: स्वाहा
ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा
स्वधा नमस्तुति स्वाहा
ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा
ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा
ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते
अब ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः स्वाहा मंत्र का 108 बार जाप करते हुए हवन सामग्री अग्नि में डालते रहें। ध्यान रहे, स्वाहा बोलने के बाद ही सामग्री अग्नि कुंड में अर्पित करें, इसके पहले नहीं।
इसके बाद सूखे नारियल के ऊपर लाल कलावा बांधकर इसे अग्निकुंड के बीच में रख दें। देवी का स्मरण करते हुए नीचे लिखे मंत्रों को बोलते हुए पुन: आहुति दें…
ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा
(जितनी भी हवन सामग्री बची हो, सभी अग्नि कुंड में समर्पित कर दें।)
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Navratri Havan 2022 अंत में देवी की आरती कर कन्याओं को भोजन करवाएं व उपहार भी दें। कन्या पूजा इस प्रकार करें…
– कन्या पूजा से पहले उन्हें आदरपूर्वक घर आने का निमंत्रण दें। कन्याओं के घर आने पर उन्हें उचित आसन पर बैठाएं। ऊँ कौमार्यै नम: मंत्र से कन्याओं की पूजा करें। इसके बाद इसके बाद उन्हें एक साथ बैठाकर आदरपूर्वक भोजन करवाएं। भोजन में खीर अवश्य होनी चाहिए क्योंकि माता को भी ये प्रिय है। इसके बाद कन्याओं के पैर धुलाकर कुंकुम से तिलक करें तथा दक्षिणा देकर हाथ में फूल लेकर यह मंत्र बोलें-
मंत्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रूपधारिणीम्।
नवदुर्गात्मिकां साक्षात् कन्यामावाहयाम्यहम्।।
जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरुपिणि।
पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तु ते।।
– यह फूल कन्या के चरणों में अर्पण कर उन्हें अपनी उपहार देकर विदा करें। धर्म ग्रंथों के अनुसार कन्या पूजन से गरीबी दूर होती है और सुख-समृद्धि भी मिलती है।
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